रायबरेली: अब AIIMS में सेवानिवृत्त फौजी कैशलेस करा सकेंगे इलाज, समझौता पत्र पर हुए हस्ताक्षर

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Published By Vishal Singh
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रायबरेली, अमृत विचार। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) मुंशीगंज और सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों ही संस्थाओं के बीच किए गए एमओयू हस्ताक्षर से पूर्व सैन्य अधिकारियों और उनके लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे अब सेवानिवृत्त फौजियों का कैशलेस इलाज एम्स में हो सकेगा।

एम्स निदेशक प्रो. डा. अरविंद राजवंशी और मेजर जनरल सलिल के बीच एम्स में औपचारिक रूप से समझौते का आदान-प्रदान किया गया। ईसीएचएस से समझौते के बाद एम्स पहला सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बन गया है। इससे अब सेवानिवृत्त फौजी कैशलेस उपचार का लाभ उठा सकेंगे। यह समझौता पूर्व सैनिक समुदाय के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है। यह हस्ताक्षर प्रमुख स्वास्थ्य सेवा संस्थान और वयोवृद्ध कल्याण के लिए अटूटता की भी पुष्टि करता है। सेवानिवृत्त कर्मियों की भलाई के प्रति सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता एमओयू पर हस्ताक्षर करना अपने सैनिकों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रमाण है। सैनिकों को चिकित्सा सहायता प्रदान करके उनके बलिदानों को स्वीकार करना है।

एम्स मुंशीगंज के साथ अब ईसीएचएस नेटवर्क का एक हिस्सा, पूर्व सैनिक और उनके क्षेत्र के परिवारों को बिना वित्तीय सहायता के गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल से काफी लाभ होगा। इस मौके पर डीन प्रो. डा. नीरज कुमारी, उप-निदेशक कर्नल अखिलेश सिंह, अधीक्षक प्रो. डॉ. नीरज कुमार श्रीवास्तव, वित्तीय सलाहकार कर्नल उपेन्द्र नाथ राय, प्रशासनिक अधिकारी कुंवर बाल योगेश्वर सिंह, ईसीएचएस पदाधिकारी मौजूद रहे।

एम्स अत्याधुनिक चिकित्सा बुनियादी ढांचे और उच्च योग्य विशेषज्ञों के लिए जाना जाता है। एमओयू हस्ताक्षर के बाद ईसीएचएस के तहत भूतपूर्व सैन्य अधिकारियों को व्यापक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा प्रदान की जाएगी। ईसीएचएस को एम्स में शामिल करना विस्तार के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है- प्रो. डा. अरविंद राजवंशी, निदेशक एम्स।
 
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