Bareilly: करोड़ों रुपये से बनी सड़कों की हालत हुई खराब, केबल बिछाने के लिए कर दीं बर्बाद

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Published By Vikas Babu
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रोड कटिंग की मद में नगर निगम को मिले दो करोड़, लेकिन सड़कों की मरम्मत कराने में नहीं किया इस्तेमाल

बरेली, अमृत विचार: स्मार्ट सिटी में करोड़ों की लागत से बनीं सड़कों को जहां-तहां खोदकर बर्बाद करने का सिलसिला खत्म होने में नहीं आ रहा है। कई चौराहों और सड़कों के किनारे केबल बिछाने के लिए गहरी खुदाई कर गड्ढों को मिट्टी से भरकर छोड़ दिया गया है। इससे गड्ढों के आसपास सड़कें धंसने लगी हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नगर निगम की ओर से भी रोड कटिंग की एवज में मिली दो करोड़ की धनराशि का इस्तेमाल सड़कों की मरम्मत कराने में नहीं किया जा रहा है।

शहर में सड़कों की खुदाई बगैर किसी नियम-कायदे के हो रही है। नगर निगम की अनदेखी और सरकारी विभागों के बीच आपसी तालमेल और कार्ययोजना न होने के कारण कभी भी अचानक किसी सड़क पर खुदाई शुरू कर दी जाती है। कई सड़कें ऐसी हैं जिनके निर्माण के कुछ ही समय बाद खुदाई कर उन्हें खराब कर दिया गया। अब भी कहीं बिजली विभाग अंडरग्राउंड केबल बिछाने के लिए सड़क पर खुदाई कर रहा है तो कहीं फुटपाथ खोदकर पानी की पाइप लाइन बिछाई जा रही है। सरकारी विभाग ही नहीं, मोबाइल कंपनियां भी नियम-कायदों की परवाह किए बगैर सड़कों पर जहां-तहां खुदाई कर रही हैं।

स्मार्ट सिटी की कोई सड़क गड्ढामुक्त नहीं
अय्यूब खां चौराहा जहां करोड़ों की लागत से बने स्काई वाक को शुरू करने की तैयारी है, उसके चारों ओर कई बार सड़क की खुदाई की जा चुकी है। हाल ही में ट्रैफिक सिग्नल के लिए सड़क पर खुदाई की गई है। इससे पहले बिजली और पानी की लाइन बिछाने के लिए सड़क खोदी गई थी।

चौपुला से सिटी स्टेशन और पुलिस लाइन रोड के फुटपाथ पर खुदाई करने से लाखों कीमत की टाइल्स बर्बाद हो गई है। यहां भी बिजली विभाग ने अंडरग्राउंड केबल बिछाई है। खुर्रम गौंटिया और सर्किट हाउस रोड पर स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से बनवाया गया फुटपाथ बर्बाद हो चुका है। यहां कुछ दिन पहले फुटपाथ उखाड़कर केबल बिछाई गई थी।

रामपुर बाग में भी स्मार्ट सिटी कंपनी ने करोड़ों की लागत से सड़कों का निर्माण कराया था लेकिन खुदाई किए जाने से ये सड़कें खराब हो गई हैं। कई जगह गड्ढे भी हो गए हैं। कुछ दिन पहले बिहारीपुर पुलिस चौकी के पास बिजली की केबल बिछाने के लिए सड़क किनारे खुदाई शुरू की गई है। यहां भी लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।

खुदाई शुरू करने से पहले अनुमति भी नहीं लेते
ऐसे तमाम मामले हैं जिनमें नगर निगम से अनुमति लिए बगैर सड़क पर खुदाई कर दी गई है। निजी दूरसंचार कंपनियों के साथ कई सरकारी विभाग भी मनमानी कर चुके हैं। ऐसे कम ही मामले हैं जब अनुमति लेकर खुदाई करने के साथ इसकी एवज में नगर निगम में पैसा जमा किया गया, लेकिन गंभीर यह है कि इस मद में आए दो करोड़ रुपये का नगर निगम ने कोई उपयोग नहीं किया।

कमिश्नर ने दिया था एफआईआर कराने का आदेश
सड़कों को बगैर अनुमति खोदने का सिलसिला स्मार्ट सिटी के काम शुरू होने के साथ चालू हो गया था। जल निगम ने कई सड़कें बनने के फौरन बाद उन पर सीवर लाइन और डिप बनाने के लिए खुदाई की और उन्हें जैसे का तैसा छोड़ दिया। कई जगह निजी दूरसंचार कंपनियों ने भी खुदाई की। पिछले साल कमिश्नर ने बगैर अनुमति सड़क पर खुदाई करने पर एफआईआर कराने का निर्देश दिया था लेकिन नगर निगम ने एक भी मामले में एफआईआर नहीं कराई।

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