मुरादाबाद : चिकित्सकों पर अनावश्यक न दर्ज हों मुकदमे, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हो पालन...डीएम-एसएसपी से मिले चिकित्सक

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Published By Bhawna
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चिकित्सा व्यवसाय में कानूनी अड़चनों को दूर कराने के लिए डीएम-एसएसपी से मिले चिकित्सक

जिलाधिकारी अनुज सिंह को ज्ञापन देते चिकित्सक

मुरादाबाद। चिकित्सा व्यवसाय में कानूनी अड़चनें, डॉक्टरों और अस्पतालों पर लगातार मुकदमे बढ़ने और डॉक्टरों पर उपभोक्ता फोरम के अलावा क्रिमिनल मुकदमे दर्ज होने से आहत एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के चिकित्सकों ने जिलाधिकारी अनुज सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल से मुलाकात की। चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन के माध्यम से बताया कि इलाज के दौरान मरीज की स्थिति बिगड़ने या मृत्यु होने पर डॉक्टरों पर क्रिमिनल केस दर्ज होने और गिरफ्तारी को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी की है। इसका पालन कराया जाए। इसके अनुसार केवल घोर चिकित्सकीय लापरवाही के मामलों में ही डॉक्टरों पर क्रिमिनल मुकदमा दर्ज हो। क्रिमिनल चिकित्सकीय लापरवाही के मुकदमे पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद ही दर्ज किए जाएं। क्रिमिनल चिकित्सकीय लापरवाही के मामलों में सीएमओ द्वारा बोर्ड की जांच अनिवार्य हो और दोषी पाए जाने पर ही क्रिमिनल मुकदमा चले। डॉक्टरों की अनावश्यक गिरफ्तारी न हो। 

विवेचक विवेचना से पूर्व अन्य उसी विधा के चिकित्सक की लिखित राय अनिवार्य रूप से लें। इलाज के दौरान मृत्यु होने पर गैर इरादतन हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज करने की जगह लापरवाही से मृत्यु की धारा में ही मुकदमा दर्ज हो। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित करवाने हेतु पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा विभागीय सर्कुलर समय समय पर निकाला जाना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष डॉ. केजी गुप्ता, सचिव डॉ. प्रशांत पाण्डेय, पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर शलभ अग्रवाल, डॉ. रवि गंगल, डॉ. सुनील खट्टर, संजीव बेलवाल आदि मौजूद रहे।

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