बदायूं: फिरौती के लिए अपहरण करने के 10 दोषियों को आजीवन कारावास, एक को दस साल सजा
बदायूं, अमृत विचार। लगभग 25 साल पहले दीपेश नाम के लड़के का अपहरण करके फिरौती मांगने के 11 आरोपियों को विशेष न्यायाधीश, डकैती ने दोषी करार दिया है। जिसमें 10 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और एक दोषी को 10 साल की सजा सुनाई है। न्यायालय ने सभी दोषियों पर अलग-अलग जुर्माना भी लगाया।
फैजगंज बेहटा थाना क्षेत्र के गांव सिसरका निवासी गिरीश चंद्र ने बिसौली कोतवाली पुलिस को 9 दिसंबर 2000 को सूचना दी थी कि शाम 5 बजे उनका बेटा दीपेश बरसी की दावत देने के लिए बाइक से गया था। बिसौली से वापस आते समय गांव संग्रामपुर से निकला लेकिन फिर वापस नहीं आया। कई जगह तलाश करने के बाद भी दीपेश का कुछ पता नहीं चला। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके जांच शुरू की थी। जिसके बाद दीपेश को शहर के मोहल्ला शिवपुरम से बरामद किया था। पुलिस ने विवेचना के बाद पप्पू उर्फ जाहिद, पूरन, महेश, शाहिद, राकेश कुमार पाठक, आनंद, सुभाष, सर्वेंद्र, प्रवेश, कुंवरपाल उर्फ कुंवर सिंह, पप्पू, अमरपाल, नन्हे पाठक, राधेश्याम व परमानंद के खिलाफ डकैती, फिरौती के लिए अपहरण, आपराधिक षडयंत्र सहित विभिन्न धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया। वहीं बाहर मियां, दलीप व नूर मोहम्मद को भी आरोपी बनाया गया। इसी मामले में प्रवेश, राकेश पाठक, शाहिद और राधेश्याम की मौत होने पर पत्रावली उपशमित कर दी गई। एक आरोपी सर्वेंद्र की न्यायालय न आने की वजह से पत्रावली अलग कर दी गई। तब से मामला न्यायालय में विचाराधीन था।
गुरुवार को न्यायालय ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन कर और दलीलें सुनने के बाद पप्पू उर्फ जाहिद, आनंद, रमेश, अमर पाल, पूरन, महेश, सुभाष, नन्हें, परमानन्द और बहार मियां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई व जुर्माना लगाया। एक दोषी कुंवरपाल उर्फ कुंवर सिंह को 10 साल की सजा सुनाई और जुर्माना लगाया। वही इसी मामले के दो आरोपी महेश और पूरन को अवैध तमंचा रखने के जुर्म में भी सजा सुनाई और जुर्माना लगाया है।
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