Kanpur: अगले माह से मुस्लिम और मसीह समाज के रोजे, पादरियों ने दिया यह संदेश...

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
On

जमीर सिद्दीकी, कानपुर। इस बार इसे इत्तेफाक ही कहेंगे कि मुसलमानों का रमजान-उल-मुबारक महीना मार्च के पहले सप्ताह से शुरू हो रहा है जो 30 दिन चलेगा। इस दौरान मुस्लिम समाज रोजे रखेगा। इसके साथ ही मसीह समाज  के रोजे भी पांच मार्च से शुरू होंगे और 40 दिनों तक चलकर गुड फ्राईडे पर 18 अप्रैल को समाप्त होंगे।

न्यू लाइफ चर्च के अध्यक्ष पादरी डायमंड यूसुफ ने बताया कि मसीह समाज के 40 रोजे की शुरुआत हमेशा बुधवार से होती है और समाप्ति गुड फ्राइडे के दिन होती है। उपवास के इन 40 दिनों में मसीह समाज के लोग सुबह भोर में उठते हैं और जलपान ग्रहण करने के उपरांत पूरे दिन कुछ खाते नहीं हैं। शाम को प्रार्थना के साथ भजन कीर्तन करते हुए अन्न जल ग्रहण करते हैं। 

मसीह समाज के त्योहार  
॰ 5 मार्च - 40 दिन के रोजे शुरू 
॰ 13 अप्रैल - पाम संडे 
॰ 18 अप्रैल- गुड फाईडे 
॰ 20 अप्रैल - डॉन सर्विस 

क्या बोले पादरी,

प्रभु यीशु मसीह ने धरती पर मानव उत्थान एवं कल्याण के लिए जन्म लिया। 40 दिनों तक चलने वाले उपवास के दौरान चर्च में विशेष प्रार्थना सभा में मानव उत्थान, देश एवं शहर की हिफाजत के लिए प्रार्थना होती है। - पादरी माइकल पतरस 

प्रभु यीशु मसीह हमारा ऐसा राजा है जिसने शरीर में दुख उठाया, क्रूस की मृत्यु को सहा ताकि हमको और आपको उस दण्ड को, उस मृत्यु को न सहना पड़े। - पादरी हनी क्लाडियस

मसीही समाज के लोगों में रोजों की तैयारियां शुरु हो चुकी हैं, त्योहारों पर चर्चों के आसपास अतिक्रमण, मसीह समाज की सुरक्षा को लेकर चिंता है लेकिन उम्मीद है कि जिस प्रकार हर वर्ष प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था करता है, उसी प्रकार इस बार भी सुरक्षा व्यवस्था करेगा। - पादरी डायमंड यूसुफ 
 
मसीही समाज की चर्चों में होने वाली प्रार्थना सभा में बीमारी और कमजोरियों से छुटकारा दिलाने के लिए प्रभु यीशु मसीह के समक्ष प्रार्थना की जाती है। - मरियम मैक्यूरटिस

5 मार्च से आरंभ होने वाले उपवास पर मसीही समाज के लोगों को चाहिए कि गरीबों की खूब मदद करें, परमेश्वर की श्वास, परमेश्वर की आत्मा, जीवन देती है। - डॉ. रेवरेंड पैट्रिक एम लाल 

प्रभु यीशु की क्रूस पर सुनाई गईं सात वाणियां जरुर सुननी चाहिए, बाइबिल के संदेश के केंद्र में प्रेम और करुणा निहित है। बाइबिल मानवता के लिए ईश्वर के बिना शर्त प्रेम पर जोर देती है और व्यक्तियों को एक दूसरे के प्रति इस प्रेम को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है। - पादरी मनोज जेम्स

यह भी पढ़ें- Kanpur में जाम बेलगाम, रोज बिगाड़े सबके काम, कोढ़ में खाज बनी ई-रिक्शा और आटो की अराजकता

 

 

संबंधित समाचार