माह-ए-रमजान 2025 : इबादत में गुजरा पहला रोजा, रोजेदारों ने मांगी दुआ

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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Barabanki, Amrit Vichaar : दिनभर हल्की तपिश और गर्मी के वावजूद भूख, प्यास की शिद्दत बर्दाश्त कर रोजेदारों ने रविवार को अल्लाह की इबादत में पहला रोजा गुजारा। मुकद्दस रमजान की पाकीजगी से शहर में रौनक छाई रही। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों की मस्जिदों में रोजेदारों के देश के लिए अमन चैन की दुआ मांगी। तरावीह की नमाज अदा होने के बाद कहीं लोग चाय की चुस्कियां लेते दिखे, तो किसी को शाही पीस की मिठास भा रही है। 

रमजान का पहला रोजा रविवार को मुकम्मल हुआ। सुबह सहरी के साथ ही दिन की शुरुआत हुई। पुरुषों ने मस्जिदों में तो महिलाओं ने घरों में नमाज अदा की। पहले रोजे से ही रोजेदार नमाज और कुरान की तिलावत में मशगूल हो गए। पहला रोजा होने की वजह से घरों में दोपहर से ही इफ्तार की तैयारियां शुरू हो गईं। घरों में इफ्तार के समय तरह तरह के पकवान बन रहे थे। शाम को इफ्तारी के पकवान के साथ बाजार से लाया गया रोजा खोलने के लिए तरह-तरह का इफ्तारी का सामान दस्तरखान पर सजाया गया। रोजेदारों ने खजूर, पानी ,और शर्बत के साथ रोज़ा खोला। इफ्तारी करने के बाद लोगों ने अल्लाह से अमन-चैन की दुआ भी मांगी। वहीं दूसरे रोजे को लेकर नमाज के बाद रोजेदार बाजार में खरीदारी के लिए निकले। इस दौरान, पपीता, खीरा, खजूरऔर फलों की जमकर खरीददारी हुई। ठेले और दुकानों पर खजूर, सेवईं और पापड़ खूब बिके।

बच्चों ने भी रखा पहला रोजा

रमजान के पहले दिन रविवार को नन्हे रोजेदारों ने भी रोजा रखा। जिनके लिए घर में इफ्तारी के पकवान के साथ मनचाही फरमाइश के लिए बड़ों ने बाजार से सामान खरीदा। नन्हें रोजेदारों ने पहला रोजा पूरा करने के लिए भूख व प्यास बर्दाश्त की। मोहम्मद हारिश अंसारी ने कहा कि स्कूल की छुट्टी थी। रोज की तरह भूख व प्यास लगी, लेकिन फिर रोजा याद आया। अम्मी और अब्बा के समझाने से पूरा रोजा हो गया। पैसे भी सब लोगों ने दिए। वहीं इल्मा खातून ने बताया कि भूख लगी तो दिन में कई बार खाने का मन किया, लेकिन फिर रोजा याद आने पर कुछ नहीं खाया। इफ्तारी के साथ ही मेरा पहला रोजा पूरा हो गया। घर में सभी ने खूब शाबाशी दी।

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