केरल: यूडीएफ का वायनाड पुनर्वास में देरी का आरोप, सरकार ने किया इनकार 

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Published By Vishal Singh
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तिरुवनंतपुरम। केरल सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) द्वारा वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के पुनर्वास में देरी के लगाये गये आरोपों का खंडन किया। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने कहा कि केंद्र सरकार ने पुनर्वास के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की और फरवरी में ही उन्हें लगभग 530 करोड़ रुपये का दीर्घकालिक ऋण प्रदान किया गया। 

मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने भूस्खलन को गंभीर प्राकृतिक आपदा घोषित करने में देरी की जबकि राज्य सरकार ने शुरू से ही पीड़ितों की पीड़ा को कम करने के लिए केरल बैंक द्वारा दिए गए ऋण को माफ करने सहित विभिन्न उपाय किए हैं। विपक्ष हालांकि राज्य सरकार पर पुनर्वास प्रयासों में देरी करने का आरोप लगा रहा है। मंत्री ने वायनाड आपदा पीड़ितों के पुनर्वास और कल्याण के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा करने के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने की यूडीएफ की मांग का विरोध किया। 

राजन के रुख को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष एएन शमशीर ने टी. सिद्दीकी सहित यूडीएफ विधायकों द्वारा पेश स्थगन नोटिस को मंजूर करने से इनकार कर दिया। विपक्षी विधायकों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने पिछले वर्ष 30 जुलाई को आई आपदा के बाद से गुजरे आठ महीनों में पीड़ितों के लिए कुछ नहीं किया। इस आपदा में वायनाड जिले की मेप्पाडी पंचायत के तीन गांव नष्ट हो गए थे और 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। 

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