Bareilly: उत्तराखंड में स्मैक तस्करी रोक नहीं पाए...साहब बरेली चले आए !

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Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। फतेहगंज पश्चिमी में उधमसिंह नगर पुलिस की बेनतीजा कार्रवाई के बाद स्मैक तस्करी की एक नई तस्वीर सामने आई है। बरेली पुलिस ने खुलासा किया है कि सिर्फ बरेली से ही उत्तराखंड में स्मैक की तस्करी नहीं की जा रही बल्कि उत्तराखंड से भी स्मैक लाकर बरेली में खपाया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में बरेली में उत्तराखंड के 64 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया है।

बरेली पुलिस की ओर से इसके साथ जिले में स्मैक तस्करों के खिलाफ लगातार की जा रही कार्रवाई का भी ब्योरा दिया है। बताया गया है कि पिछले पांच बरसों में स्मैक तस्करी के आरोप में 1357 एफआईआर दर्ज कर 1500 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इन सर्वाधिक 176 एफआईआर थाना फतेहगंज पश्चिमी में ही दर्ज की गई हैं जिनमें 200 स्मैक तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा पुलिस ने स्मैक तस्करों की 116 करोड़ की चल-अचल संपत्ति भी गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त कराई है। पुलिस बरेली और उत्तराखंड के सभी तस्करों का नेटवर्क को खंगाल रही है ताकि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।

पूरी तरह गलत निकला तस्कर रिफाकत से मिला इनपुट
बरेली : उधमसिंह नगर के एसएसपी को फतेहगंज पश्चिमी में की गई कार्रवाई में बड़े पैमाने पर स्मैक की बरामदगी की उम्मीद थी। इसी गुडवर्क के जुनून में उन्होंने पूरी पलटन के साथ दबिश दी लेकिन मामूली सफलता भी न मिलने से इस जुनून की हवा निकल गई। दरअसल, उधमसिंह नगर की पुलभट्टा पुलिस ने करीब दो महीने पहले फतेहगंज पश्चिमी के स्मैक तस्कर रिफाकत को गिरफ्तार किया था। उसी ने उसे फतेहगंज पश्चिमी के कुछ इलाकों के साथ अगरास में बड़े पैमाने पर स्मैक बनाए जाने का इनपुट दिया था। बेनतीजा कार्रवाई बता रही है कि यह इनपुट पूरी तरह गलत निकला। उधमसिंह नगर पुलिस ने दबिश देने से पहले पर्याप्त छानबीन और होमवर्क भी नहीं किया।

पहले के मुकाबले आधी भी नहीं रह गई है स्मैक तस्करी
बरेली: फतेहगंज पश्चिमी में पिछले कुछ समय के दौरान हालात काफी बदले हैं। प्रदेश की सीमाओं से बाहर दूर-दूर तक स्मैक तस्करों के गढ़ के रूप में पहचान रखने वाले इस कस्बे में पुलिस की लगातार कड़ाई से धंधा मुश्किल तो हुआ है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि पूरी तरह खत्म हो गया हो। एक समय में तो फतेहगंज पश्चिमी के कई मोहल्लों में घर-घर स्मैक बनाए जाने की बात कही जाती थी। चार साल पहले शासन के निर्देश पर पुलिस और बीडीए ने संयुक्त अभियान चलाकर फतेहगंज पश्चिमी में तमाम स्मैक तस्करों को गिरफ्तार करने के साथ तस्करी की कमाई से बनाई गई कोठियों, दुकानों और शोरूम पर भी बुलडोजर चलाया था। इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद भी स्मैक तस्करी कुछ हल्की तो पड़ी मगर सियासी लोगों के साथ पुलिस का भी संरक्षण होने की वजह से पूरी तरह बंद नहीं हुई।

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