Barabanki News : कारनामा, परिजन करते रहे मिन्नतें पर नहीं पसीजे डॉक्टर

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Published By Vinay Shukla
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त्रिवेदीगंज सीएचसी में दिखा डाक्टरों का अमानवीय चेहरा,मृत मरीज को सीएचसी से बैरंग किया वापस

Barabanki, Amrit Vichar : सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र त्रिवेदीगंज में तैनात डाक्टरों की संवेदनहीनता ने आमजन तक स्वास्थ्य सेवाओं के दावों की कलई खोल कर रख दी। सुल्तानपुर से मेडिकल कॉलेज रेफर की गई गंभीर बीमार युवती की रास्ते में मौत हो गई। इसकी पुष्टि सीएचसी त्रिवेदीगंज के जिम्मेदार डाक्टरों द्वारा भी कर दी गई।

लेकिन फिर भी डाक्टरों ने आवश्यक कार्रवाई करते हुए मृत युवती का मृत्यु प्रमाण पत्र देने के बजाय तीमारदारों को शव समेत वहां से जाने को मजबूर कर दिया। निर्धन परिवार से ताल्लुक रखने वाले तीमारदार युवती की मौत पर रोते बिलखते रहे और डाक्टरों के इस अमानवीय रवैये को लेकर द्रवित हो गए। कई घंटों की जद्दोजहद के बाद भी जब सीएचसी के जिम्मेदारों का दिल नहीं पसीजा, तो परिजन मृत शरीर लेकर मेडिकल कालेज रवाना हुए।

जानकारी के अनुसार जिला सुल्तानपुर थाना गोसाईंगंज के ग्राम केवलापुर की 30 वर्षीय शैनू का लगभग डेढ़ माह से इलाज चल रहा था। मंगलवार को उसे जिला चिकित्सालय सुल्तानपुर से लखनऊ स्थित मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया गया। सरकारी एंबुलेंस से छोटा भाई श्याम सुंदर व उसकी पत्नी शैनू को लेकर लखनऊ के लिए चले। हैदरगढ़ तहसील पार करने के बाद एम्बुलेंस में तैनात स्वास्थ्य कर्मी को शैनू की हालत बिगड़ती महसूस हुई तो वह उसे लेकर हाईवे स्थित सीएचसी त्रिवेदीगंज पहुंच गया और यहां मौजूद चिकित्सा अधिकारी डॉ. हिरेन्द्र कुशवाहा को मामले से अवगत कराया। एंबुलेंस तक पहुंचे चिकित्सक ने तकनीकी मेडिकल परीक्षण के उपरांत शैनू को मृत तो घोषित किया, लेकिन उसे मृत्यु प्रमाण देने से मना कर दिया।

रोते बिलखते मृतका के भाई भाभी को चिकित्सा अधिकारी ने यह कहते हुए एम्बुलेंस सहित बैरंग वापस किया कि युवती को रेफर किए गए मेडिकल कॉलेज लेकर जाइए। एम्बुलेंस चालक व तैनात स्वास्थ्य कर्मी ने काफी मिन्नतें की, कहा कि किसी मरीज को मृत अवस्था में एम्बुलेंस में लेकर नही जाया जा सकता, आप जरूरी कार्रवाई करें, परन्तु सीएचसी कर्मी नहीं माने आखिरकार एम्बुलेंस चालक स्वास्थ्य केंद्र परिसर छोड़ हाईवे पर चला गया और कुछ दूरी पर हाईवे कट के पास शव को नीचे उतारने का दबाव परिजनों पर बनाने लगा। परिजनों के न मानने और हंगामा करने पर एम्बुलेंस चालक पुनः शव को लेकर सीएचसी त्रिवेदीगंज पहुंचा लेकिन एक बार फिर चिकित्सक नहीं पसीजे। आखिर में विवश होकर एंबुलेंस चालक और परिजन शव लेकर लखनऊ के लिए रवाना हुए। 

त्रिवेदीगंज सीएचसी अधीक्षक डॉ. हरिप्रीत सिंह के मुताबिक, अगर चिकित्सक ने ऐसा व्यवहार किया गया, तो ग़लत है। चिकित्सक को मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को देते हुए शव का पोस्टमार्टम कराते हुए मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवधेश यादव ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आया है। वह मामले की पूरी जानकारी करवाएंगे। अगर किसी प्रकार की लापरवाही सीएचसी के डॉक्टरों के द्वारा बरती गई होगी, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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