Kannauj में 1108 कुंडीय मृत्युंजय पीतांबरा महायज्ञ का शुभारंभ, अरणी मंथन के साथ मुख्य यज्ञकुंड में अग्नि का प्राकट्य

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Published By Deepak Shukla
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कन्नौज, अमृत विचार। स्थानीय बोर्डिंग ग्राउंड (केके इंटर कॉलेज खेल मैदान) में 1108 कुंडीय मृत्युंजय पीतांबरा महायज्ञ का शुभारंभ गुरुवार से हो गया। पहले दिन यज्ञाधीश समेत यजमानों विधिवत माता पीतांबरा की पूजा के बाद मुख्य यज्ञ कुंड का पूजन किया। इसके बाद यज्ञाधीश रामदास जी ने अरणी मंथन की शुरुआत की। अग्नि का प्राकट्य होने के बाद इसे मुख्य यज्ञ कुंड में प्रज्ज्वलित किया गया।

महायज्ञ को लेकर तीन महीने से अधिक समय तक तैयारी के बाद इस महाआयोजन की शुरुआत हो चुकी है। बोर्डिंग ग्राउंड के साढ़े 12 बीघे में भव्य यज्ञशाला में तैयार 1108 यज्ञ वेदियों में विधिवत यज्ञ का प्रारंभ हो गया है। खास बात यह है कि यज्ञाधीश के नेतृत्व प्रेरणा से गुरुवार की सुबह करीब आठ बजे से यजमानों का पहुंचना शुरू हो गया। 10 बजे यज्ञाचार्य रामदासजी महाराज ने विधि-विधान पूर्वक पूजन अर्चन करने के बाद अरणी मंथन से अग्नि भगवान का प्राकट्य किया।

अग्नि प्रज्जवलित होते ही यज्ञशाला में मां भगवती, पीतांबरा माई के जयकारे गुंजायमान हो उठे। आचार्यो ने मौजूद यजमानों से मंत्रोच्चार के साथ पूजन कराया। शाम करीब पांच बजे मुख्य यज्ञ कुंड की अग्नि से सभी कुंडो में पहुंचाने के बाद हवन-पूजन शुरू हुआ। कुंडो पर बैठे यजमानों ने मां पीतांबरा माई से घर-परिवार में सुख-समृद्धि की कामना कर यज्ञ में आहुतियां डालीं। प्रत्येक कुंड पर दो से चार लोग बैठाए गए थे।

व्यवस्था में करीब एक सैकड़ा से अधिक लोग लगे रहे जो कि लगातार कुंडो पर पहुंचकर पानी, हवन सामग्री, फूल समेत अन्य चीजों को देते रहे। यज्ञशाला के अंदर की व्यवस्था देखकर हवन करने के लिए आए यजमान गदगद हो उठे। द्वितीय सत्र में रात करीब 9 बजे तक हवन चला। यज्ञाधीश ने समस्त सनातनियों से यज्ञ स्थल पर पहुंचकर आहुति देकर पुण्य कार्य का साक्षी बनने का आह्वान किया है।

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