बदायूं: डिजिटल एक्स रे मशीन खराब, मरीजाें का हंगामा

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Published By Vikas Babu
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बदायूं, अमृत विचार : जिला अस्पताल में तकनीकी कमियाें के कारण दूर दराज से आने वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दो दिनों से डिजिटल एक्स रे मशीन खराब होने के कारण मंगलवार को मरीजों ने हंगामा कर दिया। यह देखकर डॉक्टरों ने मरीजों को जल्द मशीन ठीक कराने का आश्वासन देकर शांत किया। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि दो दिनों में मशीन ठीक करा दी जाएगी।

जिला अस्पताल में अक्सर मशीन खराब होने के कारण बंद रहती हैं। एक्स रे और डिजिटल एक्स रे मशीन माह में तीन चार बार बंद रहती हैं। इससे बाहर से आने वाले मरीजों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ता है। मंगलवार को जिला अस्पताल में पहुंचे मरीजों को डॉक्टर ने डिजिटल एक्स रे कराने को लिखा। मरीज जब एक्सरे कराने पहुंचे तो एक्सरे रूम बंद था। काफी देर तक मरीजों ने रूम खुलने का इंतजार किया, लेकिन रूम नहीं खुला तो मरीज आग बबूला हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। 

सादा एक्स रे रूम में भी मरीजों की भीड़ थी। हंगामा होने पर उन मरीजों ने भी अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और परेशान करने की बात कही। उसहैत, दातागंज और सहसवान से आए मरीजों ने बताया कि वह लोग दो दिन से आ रहे हैं। डॉक्टर ने डिजटिल एक्सरा कराने को लिखा है। यहां पर डिजिटल एक्सरे मशीन खराब है। इसलिए रूम को बंद कर दिया गया है। वह किराया खर्च कर आते हैं और मायूस होकर वापस लौटना पड़ता है। 

उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते मरीजों को बेवजह परेशानी हो रही है। एक्स रे टेक्नीशियन ने जब लोगों को रूम से बाहर जाने के लिए कहा तो दोबारा हंगामा खड़ा हो गया। समझाने पर मरीज रूम से बाहर गए।

इसके बाद सादा एक्स रे तो हुए लेकिन मशीन खराब होने से डिजिटल एक्सरे नहीं हुए। करीब एक माह पूर्व जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन खराब हुई थी। इससे महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने को जिला महिला अस्पताल भेजा गया। करीब 20 दिन तक मशीन बंद रहने से विशेषकर महिलाओं को परेशानी हुई। जब मशीन ठीक हुई तो अल्ट्रासाउंड रूम में मरम्मत का कार्य कराया गया। इससे काफी दिनों तक अल्ट्रासाउंड नहीं हो सके। कई दिनों तक रूम में बिजली फिटिंग की गई।

डिजिटल एक्सरे मशीन में कुछ तकनीकी कमी आ गई है। इससे डिजिटल एक्सरे नहीं हो रहे हैं। दो दिन के अंदर मशीन ठीक करा दी जाएगी। मरीजों ने हंगामा किया इसकी जानकारी मिली है, लेकिन मरीजों को समझा दिया गया जिसके बाद मामला शांत हो गया- डॉ. कप्तान सिंह, सीएमएस।

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