Bareilly: ये भी खेल..टाई-बेल्ट और यूनिफार्म के दाम 50 फीसदी तक बढ़े
पहले कहीं से भी खरीद लेते थे अब कई स्कूलों ने निश्चित कर दी दुकान
बरेली, अमृत विचार। निजी स्कूलों में किताबों के साथ यूनिफार्म के नाम पर भी अभिभावकों की जेब काटी जा रही है। स्कूल की फिक्स दुकान से ही सामान खरीदना है। दूसरी दुकान से न खरीद सकें इसके लिए कुछ स्कूलों ने चालाकी से यूनिफार्म में मोनो, पटि्टयां व अन्य फेरबदल कर दिया। ड्रेस, टाई, बेल्ट, बैज, बैग आदि के दाम करीब 30 से 50 फीसद तक बढ़ गए।
कुछ नामचीन स्कूलों में नाम लिखे बैग ही चलते हैं। इसके बाद भी स्कूल संचालक कहते हैं कि उनकी कोई दुकान फिक्स नहीं। कोई भी दुकानदार ड्रेस व अन्य सामान बेच सकता है। जबकि अभिभावक दुकान पर जाते हैं तो स्थिति कुछ और निकलती है। पिछले वर्ष के मुकाबले दाम भी करीब 30-50 फीसदी तक बढ़ गए हैं। बरेली अभिभावक एसोसिएशन के प्रभारी अंकुर सक्सेना कहते हैं कि स्कूल संचालक अभिभावकों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। कहते हैं कि फीस वृद्धि नहीं की है लेकिन अन्य मदों में पैसा बटोर लेते हैं। प्रत्येक वर्ष स्कूलों में प्रवेश के समय यही स्थिति होती है। ज्यादातर निजी स्कूलों एडमिशन के समय अभिभावकों को किसी विशेष दुकान का कार्ड थमा देते हैं कि स्कूल की यूनिफार्म यहीं से लेना।
ममता पांडेय ने बताया कि यूनिफार्म की कीमत पिछले साल के मुकाबले इस बार बढ़ी है। बच्चे के एडिशन के साथ ही स्कूल प्रबंधन ने दुकानदार का कार्ड दे दिया था। स्कूलों की मनमानी झेलना मजबूरी है।जीतू प्रजापति का कहना है कि स्कूलों ने कुछ खास दुकानें निर्धारित कर रखी हैं, वहीं से यूनिफार्म के अलावा टाई बेल्ट मिल रही हैं। दुकानों की मनमानी है, जो पैसा वे मांगते हैं देना पड़ रहा है। भूपराम मौर्य के मुताबिक जिला प्रशासन को स्कूल यूनिफार्म आदि की कीमतें कम करने के लिए कुछ करना चाहिए। हर साल कीमतें बढ़ा दी जाती हैं जिससे अभिभावक पर बोझ बढ़ जाता है। पूजा गुप्ता ने बताया कि पहले हम यूनिफार्म शहर में कई दुकानों से खरीद लेते थे। अब ड्रेस, टाई-बेल्ट तक के लिए तीन दुकानें निर्धारित कर दी हैं। यह तो साफ तौर पर मनमानी है।
इस साल में बढ़े दाम
यूनिफार्म-700-1000
टाई-बेल्ट-150-200
जूते- 250-400
स्कूल बैग- 400-650
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