शाहजहांपुर: पति और चारों बच्चों के अंतिम संस्कार के बाद टूटा धैर्य, कौशल्या बोली... मैं यहां नहीं रुक पाऊंगी
शाहजहांपुर, अमृत विचार: तीन पोती और पोते को खोने के बाद बाबा पृथ्वीराज के आंसू नहीं रुक रहे हैं। गुरुवार को रात भर वह ठीक से नहीं सो सका। बेटे राजीव, तीन पोतियां और पोते को याद कर रहे बुजुर्ग और कौशल्या को लोग ढांढस बंधा रहे हैं, लेकिन उनके आंसुओं का सैलाब नहीं रुक रहा।
दूसरी ओर पति और चारों बच्चों के अंतिम संस्कार के बाद कौशल्या ने अपने भाई से कहा कि मैं यहां पर नहीं रुक पाऊंगी, मुझे साथ ले चलो। ससुर ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मानी और बच्चों की याद में रोती कलपती भाई के साथ बरेली चली गई।
रोजा क्षेत्र के गांव मानपुर चचरी निवासी राजीव कुमार, उसकी पत्नी कौशल्या, बेटी स्मृति, कीर्ति, प्रगति और बेटा ऋषभ एक मकान में रहते थे। उसके पिता पृथ्वीराज के साथ उसके दो भाई संजीव और राजन रहते थे। एक भाई पानीपत में रहता है। राजीव के तीनों भाइयों की शादी नहीं हुई थी।
बुधवार को सुबह दस बजे उसकी पत्नी कौशल्या से कहासुनी होने के बाद पत्नी कौशल्या नाराज होकर मायके बरेली चली गई थी। पोस्टमार्टम के बाद शव के साथ कौशल्या गांव आई। गुरुवार की शाम पांचों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। कौशल्या के साथ उसका भाई जानकी प्रसाद गांव में आया हुआ था।
पांच मौतों के बाद गांव में पसरा सन्नाटा
अंतिम संस्कार के बाद उसने भाई से कहा कि भइया अब घर चलो, मुझे यहां डर लग रहा है। मैं यहां नहीं रुक सकती हूं। उसके ससुर पृथ्वीराज और रिश्तेदारों ने कहा कौशल्या से कहा कि रुक जाओ तो वह बोली कि अब बचा क्या है। रिश्तेदारों ने उसे बहुत रोकने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मानी और मायके चली गई। इधर गांव में दूसरे दिन सन्नाटा पसरा हुआ था और लोग अपने घर की चौखट पर इसी घटना की चर्चा कर रहे थे।
ऋषभ जो खाता था वहीं लाकर देता था
घर के बाहर झोपड़ी में बैठे पृथ्वीराज दूसरे दिन पोते ऋषभ को बार-बार याद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पोता जो चीज खाता था, उसे लाकर देता था। उसे सुबह-शाम चाय पीने के लिए बुलाकर लाता था। पृथ्वीराज ने रोते हुए कहा कि सुबह सात बजे पोते को चाय पीने के लिए बुलाने के लिए गया था। आंखों के सामने बार-बार उनका चेहरा नजर आ रहा है।
दसवां संस्कार में आज कौशल्या आएगी
गुरुवार को पति और बच्चों के अंतिम संस्कार के बाद कौशल्या भाई के साथ मायके बरेली चली गई थी। शनिवार को मानपुर चचरी में दसवां है। वह भाई के साथ दसवां संस्कार में शामिल होने आज ससुराल आएगी। उसका देवर कुलदीप पानीपत में एक फैक्ट्री काम करता है। वह अपनों की मौत की खबर सुनकर शुक्रवार की सुबह घर पहुंच गया। भाई और बच्चों के गम में गुमसुम बैठा हुआ था।
मृतक राजीव के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज
मानपुर चचरी में चार बच्चों की हत्या कर देने के बाद पिता द्वारा खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने के मामले में पुलिस ने पिता की तहरीर पर मृतक राजीव के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मानपुर चचरी निवासी पृथ्वीराज ने रोजा थाना पर दी गई तहरीर में बताया कि 27 मार्च की रात में उसका पुत्र राजीव कुमार अपनी पुत्री स्मृति, क्रांति, प्रगृति व बेटे ऋषभ को लेकर सो रहा था।
रात में किसी समय राजीव ने चारों बच्चों की धारदार हथियार से हत्या कर दी और खुद फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वह सुबह पोते को चाय पीने के लिए बुलाने गया तो देखा कि पोते और पोतियों के शव खून से लथपथ चारपाई पर पड़े थे और बेटे का शव फंदे से लटका हुआ था। पिछले साल एक्सीडेंट में राजीव के सिर में चोट लग गई थी।
उसका मानसिक उपचार चल रहा था। प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि मृतक राजीव कुमार के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। उसके घर के बाहर दो सिपाहियों की डयूटी लगा दी गई है।
राजीव ने पहले बच्चों का मुंह दबाया, फिर हथियार से किया प्रहार
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार राजीव ने घटना से पहले सभी बच्चों का मुंह दबाया और धारदार हथियार से प्रहार किया। कीर्ति और प्रगति की गर्दन पीछे से कटी हुई थी क्योंकि दोनों चारपाई पर पेट के बल लेटी हुई थी। स्मृति और ऋषभ का सामने से गला कटा हुआ था। राजीव ने धारदार हथियार चारपाई पर रख दिया था। पोस्टमार्टम के समय के अनुसार 12 घंटे पहले हत्या हुई है।
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