शाहजहांपुर: चैत्र नवरात्र की शुरुआत, हाथी पर सवार होकर आएंगी माता रानी

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Published By Preeti Kohli
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शाहजहांपुर, अमृत विचार: आदि शक्ति मां भगवती की उपासना का महापर्व चैत्र नवरात्र रविवार से शुरू हो रहा है। इस बार माता रानी का आगमन हाथी पर हो रहा है, जो हर दृष्टिकोण से शुभ माना जा रहा है। नवरात्र पर उपवास रखकर मां दुर्गा की आराधना करने वाले भक्तों ने शनिवार को देर रात तक तैयारी की। घरों में कलश स्थापना से लेकर माता रानी का श्रृंगार और पूजा सामग्री की खरीदारी दिनभर चलती रही। वहीं, मंदिरों में भी आकर्षक रूप से सजावट की गई है।

मोहल्ला बक्सरियां के श्री दुर्गा रतन मंदिर के पुजारी ज्योतिषाचार्य पंडित अवधेश मिश्र ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संवत का प्रथम दिवस सनातनियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसका कारण यह है कि इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि के साथ जीव-जगत की रचना की थी।

हर नवरात्र को माता रानी का वाहन तय होता है। पुराणों के अनुसार इस नवरात्र मां भगवती हाथी पर सवार होकर पधार रही हैं। हाथी को हिंदू समाज में बहुत शुभ माना जाता है। यह सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक होता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि जब मां भगवती हाथी पर सवार होकर आती हैं, तो संपूर्ण जगत में खुशहाली आती है। अच्छी वर्षा होती है, जिससे अच्छी फसल होने से धन-धान्य की वृद्धि होती है।

इधर, नवरात्र पर मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों का पूजन करने के लिए मां भगवती के भक्तों विशेष रूप से महिलाओं ने पूरे दिन खरीदारी की। देर रात तक दुकानों पर भीड़ जुटी रही। महिलाओं ने माता रानी के श्रृंगार के लिए आकर्षक पोशाकें, चुनरी समेत अन्य श्रृंगार सामग्री और पूजन सामग्री खरीदी। मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।

ब्रह्ममुहूर्त से 2.14 बजे तक करें कलश स्थापना
चैत्र नवरात्र रविवार से शुरू हो रहे हैं। नवरात्र में मातारानी के भक्त ब्रह्म मुहूर्त से अपरान्ह दो बजकर 14 मिनट तक कभी भी कलश स्थापना कर सकते हैं। इस बार नवरात्र सभी प्रकार से खुशहाली देने वाले हैं। भक्तों की सच्चे मन से की प्रार्थना जरूर स्वीकार होगी। सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर कलश स्थापना करें और माता रानी की स्मरण करें। प्रथम दिवस मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री का आवाहन कर पूजन करें- पंडित अवधेश मिश्र, ज्योतिषाचार्य

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