Kanpur: फर्टिलाइजर कारखाने में उत्पादन फिर ठप, एनर्जी नॉर्म्स की ओट में केएफसीएल की घटायी गयी सब्सिडी
विशेष संवाददाता, कानपुर। जेपी ग्रुप के कानपुर स्थित फर्टिलाइजर कारखाने (केएफसीएल) में उत्पादन फिर ठप हो गया है। चांद छाप यूरिया उत्पादन करने वाला फर्टिलाइजर कारखाना निर्धारित एनर्जी नॉर्म्स को पूरा नहीं कर रहा है। इस वजह सब्सिडी में सरकार ने भारी कटौती कर ली है। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में बातचीत चल रही है पर इसका हल निकलना मुश्किल हो गया है। सरकारी उपक्रम में संचालित फर्टिलाइजर कारखानों की शेयर पूंजी सरकार बेचने की तैयारी कर चुकी है। इसका फैसला नीति आयोग की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया था जिस पर संबंधित संसदीय समिति की भी मुहर लग चुकी है। कारखाना में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से करीब डेढ़ हजार कामगार रोजी-रोटी कमाते हैं। कंपनी नतीजा निकलने तक पूरा वेतन देगी।
कानपुर फर्टिलाइजर कारखाना भी सब्सिडी कटौती का शिकार हो गया है। केएफसीएल के सीईओ आलोक गौड़ ने पहले ही एक मीटिंग में सरकारी सहायता न मिलने से कारखाना बंद की संभावना जतायी थी। 18 दिसम्बर से सब्सिडी न मिलने के कारण गेल एक बार सप्लाई रोक चुका है जिससे उत्पादन कई दिन तक ठप रहा था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए बताया कि हालात अच्छे नहीं हैं। उत्पादन कम से कम एक हफ्ता ठप रहने की संभावना है। सरकारी स्तर पर बातचीत चल रही है।
बता दें कि केएफसीएल की पैतृक कंपनी जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड को एनसीएलटी ने दिवालिया घोषित कर दिया है। बैंकों की मोटी रकम बकाया है। नीलामी से पैसा वसूल कर बैंकों को दिया जाएगा। अब गौतम अडानी, अनिल अग्रवाल, जिंदल ग्रुप की कंपनी समेत 25 कंपनियों ने रुचि दिखायी है। एनसीएलटी में इस पर फैसला जून 2025 में होगा। हालांकि केएफसीएल जेपी एसोसिएट्स की सहायक कंपनी उत्तर भारत विकास प्राइवेट लिमिटेड संचालित करता है। इसमें उत्तर भारत विकास प्रा.लि. के 56.76 और जेपी फर्टिलाइजर एंड इंडस्ट्रीज की 36.03 फीसदी हिस्सेदारी है।
