राजस्थान मंदिर शुद्धिकरण विवाद: भाजपा नेता आहूजा ने कहा- मैं दलितों का समर्थक, लेकिन नहीं मांगूंगा मांगी

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Published By Deepak Mishra
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अलवर। राजस्थान में अलवर के ‘अपना घर शालीमार’ में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में कांग्रेस नेताओं के प्रवेश के बाद गंगाजल से छिड़काव करने के मामले में विवादों में आये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ज्ञान देव आहूजा ने पार्टी द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण के जवाब में कहा है, “ज्ञान देव आहूजा कभी माफी नहीं मांगेगा और न कभी मांगी है।” 

आहूजा ने शुक्रवार को यहां कहा कि वह अपनी बात पर अडिग हैं। उन्होंने कहा, “मैंने कभी भी दलितों का विरोध नहीं किया। मैं दलितों का समर्थक हूं। मेरे विधानसभा क्षेत्र में जाकर देखिए मैंने दलितों की कितनी सेवा की है।” 
उन्होंने कहा कि दलितों की लड़कियों के मामले में भी वह पूरी तरीके से सक्रिय रहे और उनकी बरामदगी कराई। 

उन्होंने कहा, “मेरा कांग्रेस को लेकर विवाद था क्योंकि कांग्रेस ने रामसेतु और राम जन्म भूमि को लेकर सवाल किए थे, इसलिए मैंने यह बात कही थी और मैंने दलित के नाम पर किसी नेता का नाम नहीं लिया और न दलित की बात की।”

आहूजा ने कहा कि अगर टीकाराम जूली अपने आप को दलित नेता ही मानते हैं तो फिर यह क्यों कहते हैं कि 36 बिरादरी का उन्हें समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं को बुलाया गया। मेरा विरोध सिर्फ कांग्रेस नेताओं से था। किसी दलित से नहीं था। 

उन्होंने कहा कि पार्टी को स्पष्टीकरण देने से पहले मुझे अपनी बात रखने का अवसर देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मैंने जो जवाब दिया है उसका अब मैं अभी खुलासा नहीं कर रहा हूं, लेकिन इतना जरूर कह रहा हूं, “ज्ञान देव आहूजा ने न कभी माफी मांगी है, न मांगेगा।” 

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