मुरादाबाद : सड़क हादसों पर ब्रेक लगाएगा ‘मिशन सड़क सुरक्षा’अभियान, मौतों की संख्या में आई गिरावट

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Published By Bhawna
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जिले भर में बनाए गए 70 सेल्फी प्वाइंट पर पहुंच कर लोग यातायात नियमों का पालन करने की ले रहे शपथ

मुरादाबाद। मुरादाबाद जिले में लगातार हो रहे सड़क हादसों पर लगाम कसने को एसएसपी सतपाल अंतिल ने ‘मिशन सड़क सुरक्षा’के नाम से तीन महीने का विशेष जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसका असर अब शहर की सड़कों पर साफ़ दिखाई देने लगा है। जनपद की सड़कों के ब्लैक स्पॉट चिह्नित कराकर एसएसपी ने गुरुवार को स्वयं निरीक्षण किया और उन स्थानों पर दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए यातायात व्यवस्था में सुधार लाने के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं। यातायात के विशेष जागरूकता अभियान के तहत शहर और ग्रामीण इलाकों में कुल 70 से अधिक सेल्फी पॉइंट बनाए गए हैं। यहां पर लोग न सिर्फ तस्वीरें ले रहे हैं, बल्कि यातायात नियमों का पालन करने की शपथ भी ले रहे हैं। 

मुरादाबाद के एसएसपी सतपाल अंतिल की पहल पर शुरू किया गया यातायात जागरूकता अभियान ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग और स्थानीय धार्मिक संस्थाओं की सहभागिता से पुलिस चला रही है। एसएसपी खुद सड़कों पर उतर कर अभियान पर नजर रखे हुए हैं और दुर्घटनाओं के संभावित स्थलों पर पहुंचकर उनमें सुधार के निर्देश दे रहे हैं। यही नहीं, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च जैसे धार्मिक स्थलों के माध्यम से धर्मगुरुओं की मदद लेकर आम लोगों को यातायात नियमों के पालन के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

एसएसपी ने सड़क सुरक्षा को लेकर यह प्रयास सुप्रीम कोर्ट की विशेष समिति की सिफारिशों के बाद शुरू किया। सुप्रीम कोर्ट की समिति ने अपनी रिपोर्ट में बढ़ते सड़क हादसों पर चिंता जताई थी। समिति ने सभी जिलों को निर्देशित किया था कि वे सड़क हादसों में कम से कम 10 प्रतिशत की कमी सुनिश्चित करें। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मुरादाबाद पुलिस ने यह व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया है। अब जनपद में लोगों में यातायात नियमों को लेकर सकारात्मक बदलाव दिखाई दे रहा है। लोग हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने और सड़क संकेतों का पालन करने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

सिविल पुलिस और ट्रैफिक विभाग मिलकर स्कूलों, कॉलेजों और बाजारों में भी विशेष जागरूकता कार्यक्रम चला रहे हैं। एसएसपी ने कहा कि यह अभियान केवल जुर्माने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य लोगों की सोच और व्यवहार में बदलाव लाना है। जब तक लोग खुद यातायात नियमों को लेकर संवेदनशील नहीं होंगे, तब तक बदलाव संभव नहीं। उन्होंने बताया कि अब तक के आंकड़ों के मुताबिक, अभियान की शुरुआत के बाद से सड़क हादसों में मृतकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

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