Infosys को लगा झटका: चौथी तिमाही के मुनाफे में 11.7 फीसदी की गिरावट, पिछले साल से 936 करोड़ कम हुई कमाई

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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मुंबई। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की प्रमुख कंपनी आईटी सेवा निर्यातक इंफोसिस लिमिटेड का 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में सकल शुद्ध मुनाफा इसके पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 7,969 करोड़ रुपये के मुकाबले 11.7 प्रतिशत घटकर 7,033 करोड़ रुपये पर आ गया।

कंपनी ने गुरुवार को शेयर बाजार को बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में उसे 7,033 करोड़ रुपये का सकल शुद्ध मुनाफा हुआ, जो वित्त वर्ष 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही के 7,969 करोड़ रुपये से 11.7 प्रतिशत कम है। इस अवधि में उसका कुल राजस्व 37,923 करोड़ रुपए के मुकाबले 7.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 40,925 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान उसका परिचालन व्यय 3,554 करोड़ रुपये से 6.2 प्रतिशत बढ़कर 3,775 करोड़ रुपये हो गया।

इंफ़ोसिस ने बताया कि 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2024-25 में उसे 26,713 करोड़ रुपए का सकल शुद्ध मुनाफा हुआ, जो वित्त वर्ष 2023-24 के 26,233 करोड़ रुपये के मुकाबले 1.8 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह आलोच्य अवधि में कंपनी के कुल राजस्व में 6.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ और यह 153,670 करोड़ रुपये से बढ़कर 162,990 करोड़ रुपये हो गया।

हालांकि इस दौरान उसका कुल परिचालन व्यय 14,510 करोड़ रुपये से 4.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 15,219 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए शेयरदारकों को 22 रुपये प्रति शेयर अंतिम लाभांश देने की घोषणा की।

इंफ़ोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक सलिल पारेख ने हालिया प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा, "कंपनी ने अपने ग्राहकों के भरोसे और कर्मचारियों के समर्पण से एक लचीला और उत्तरदायी संगठन का निर्माण किया है। हमने ग्राहक-केंद्रित और बाजार के प्रति जवाबदेही को अपनी प्राथमिकता बनाते हुए निरंतर विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। इस साल हमारा प्रदर्शन राजस्व, परिचालन मार्जिन में विस्तार और अब तक के सबसे अधिक मुक्त नकदी प्रवाह के मामले में बेहद मजबूत रहा है।”

पारेख ने आगे कहा कि कंपनी की कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( एआई), क्लाउड और डिजिटल प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता, लागत दक्षता, स्वचालन और समेकन में मजबूती ने उन्हें ग्राहकों की बदलती जरूरतों के अनुरूप तेज़ी से ढलने में सक्षम बनाया है। कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) जयेश संघराजका ने कंपनी के वित्त वर्ष 2025 के प्रदर्शन को लेकर कहा कि चुनौतीपूर्ण मैक्रोइकॉनॉमिक परिस्थितियों के बावजूद कंपनी ने 0.5 प्रतिशत की परिचालन मार्जिन वृद्धि दर्ज की है।

यह उपलब्धि प्रोजेक्ट मैक्सिमस के अनुशासित क्रियान्वयन और दक्षता सुधार पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने का परिणाम है। उन्होंने बताया, “वित्त वर्ष 2025 में हमने कंपनी के इतिहास का अब तक का सबसे अधिक मुक्त नकदी प्रवाह दर्ज किया है। यह हमारी परिचालन रणनीतियों की प्रभावशीलता और वित्तीय अनुशासन का प्रमाण है।”

संघराजका ने कहा कि बोर्ड ने 22 रुपये का अंतिम लाभांश प्रस्तावित किया है। जब इसे अंतरिम लाभांश के साथ जोड़ा जाता है तो यह पिछले वर्ष की तुलना में 13.2 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। उन्होंने इस वृद्धि को शेयरधारकों के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता और वित्तीय मजबूती का प्रतीक बताया।

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