Accident on Lucknow NHI : हाइवे किनारे खड़ी ट्रैक्टर-ट्रॉली में घुसी कार, पिता-पुत्र की मौत, बहू-पोता घायल
बरेली से अयोध्या में रामलला का दर्शन करने जा रहा था परिवार
लखनऊ : बीकेटी थाना अंतर्गत लखनऊ-सीतापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। जहां, एक तेज रफ्तार कार हाइवे किनारे खड़ी ट्रैक्टर- ट्रॉली में पीछे से भिड़ गई। दोनों वाहनों की भिड़त इतनी तेजी से थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। जिसमें एक ही परिवार के पांच सदस्य फंसकर बुरी से जख्मी हो गए। जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पहुंची पुलिस और NHI कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत कर सभी को बाहर निकाल एम्बुलेंस की मदद से बीकेटी के रामसागर मिश्र सौ शैय्या अस्पताल में पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने पिता विकास चन्द्र हजेला (70) और उनके बेटे गौरव हजेला (38) को मृत घोषित कर दिया। जबकि उनकी बहू प्राची और पौत्र अयान को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में रेफर कर दिया गया है। ये सभी बरेली से अयोध्या में रामलला का दर्शन करने कार से जा रहे थे।

बीकेटी प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार सिंह के मुताबिक, मूलरूप से बरेली जनपद के सुभाषनगर थाना अंतर्गत विकास चन्द्र हजेला बेटे गौरव हजेला बहू प्राची और पौत्र अयान के साथ अयोध्या में रामलला का दर्शन करने अर्टिगा से जा रहे थे। इज्जतनगर का रहने वाला अर्पित कार चला रहा था। लखनऊ-सीतापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बीकेटी के देवरी रुखारा गांव के पास कार चालक अर्पित को झपकी आ गई। पलक झपकते ही उसका संतुलन बिगड़ गया और कार हाइवे किनारे खड़ी गेंहू के बोरों से लदी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली में पीछे से भिड़ गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अर्टिगा की रफ्तार करीब 120 किलो प्रति घंटा से ऊपर की थी।

मौके पर मौजूद लोगों ने फौरन पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना देते हुए एनएचआई को हादसे की जानकारी दी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस और एनएचआई कर्मियों ने कार में फंसे परिवार को बाहर निकाल नजदीकी सीएचसी में पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने विकास चन्द्र हजेला और उनके बेटे गौरव हजेला को मृत घोषित कर दिया। वहीं बहू प्राची और पौत्र अयान को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि सुबह करीब छह बजे पुलिस कंट्रोल रूम पर हादसे की जानकारी मिली थी। फिलहाल, शिनाख्त के बाद मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

राहगीरों ने बचाने की कोशिश
अर्टिगा का अगला हिस्सा ट्रॉली में दब जाने से कार का दरवाजा जाम हो गया था। चीख-पुकार सुनकर एकजुट हुए राहगीरों ने घायलों को कार से निकालने का भरसक प्रयास किया। बावजूद इसके सफलता नहीं मिली। जिसके बाद राहगीरों ने फौरन पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना दी। पुलिस ने कटर मशीन से अर्टिगा का दरवाजा काट सभी को बाहर निकाला। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अर्टिगा की अगली सीट पर विकास चंद्र हजेला सवार थे। दुर्घटना में कार का इंजन समेत डैश बोर्ड के बीच में वह चालक अर्पित के साथ फंस गए थे। हालांकि, चालक ने सीटबेल्ट लगा रखी थी, एयरबैग खुल जाने से उसकी जान बच सकी, लेकिन बुजुर्ग ने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी जिससे उनकी कार में ही मौत हो गई।
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