Chitrakoot: दिव्यांग विश्वविद्यालय में बवाल; कई छात्र घायल, विश्वविद्यालय प्रशासन पर पुनर्मूल्यांकन में मनमानी करने का आरोप

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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सीतापुर (चित्रकूट), अमृत विचार। जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में शुक्रवार को बवाल हो गया। सुरक्षाधिकारी और कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने परीक्षा परिणाम और कापियों के पुनर्मूल्यांकन को लेकर उत्तेजित दिव्यांग छात्रों को दौड़ा दौड़ाकर पीटा। इससे कई को चोटें आईं। इन्होंने विवि प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया। उप जिलाधिकारी पूजा साहू और सीओ सिटी राजकमल मौके पर पहुंचे और आक्रोशित छात्रों को समझाया। घायलों को अस्पताल भेजा। एसडीएम ने आश्वासन दिया कि विद्यार्थी लिखित रूप में शिकायत दर्ज कराएं, न्याय कराया जाएगा। 

शुक्रवार को बेड़ी पुलिया- रामघाट मार्ग पर स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में परीक्षा परिणाम और कम नंबर आने को लेकर विद्यार्थियों में पनप रहा आक्रोश सतह पर आ गया। बताया जाता है कि उत्तेजित विद्यार्थियों ने इसको लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान किसी ने यह कहकर माहौल गरमा दिया कि कापियां खो गई हैं। इस पर छात्रों का गुस्सा भड़क गया। विवि के कर्मचारी दरवाजा बंद कर अपने अपने केबिन में चले गए। बताते हैं कि इस पर छात्रों ने दरवाजे पीटने शुरू कर दिए। आरोप है कि इस पर सुरक्षाधिकारी सहित कई अन्य लोगों और कर्मचारियों ने हाथ में डंडे लेकर दिव्यांग छात्रों को खदेड़ना और पीटना शुरू कर दिया। इससे अफरातफरी मच गई और तीन –चार दिव्यांग घायल भी हो गए। 

इनमें उमेश पाल पुत्र रामपाल निवासी छतरपुर और पंचम लाल प्रजापति पुत्र हनुमान निवासी रीवा सूचना पर उप जिलाधिकारी पूजा साहू और सीओ सिटी राजकमल विवि पहुंचे। इन्होंने आक्रोशित छात्रों को समझाया और घायलों को अस्पताल भेजने की व्यवस्था की। एसडीएम ने छात्रों को आश्वस्त किया कि वे लिखित शिकायत करें, उनकी बात सुनी जाएगी। एसडीएम ने बताया कि समिति बनाकर मामले की जांच की जाएगी और उसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर, इस संबंध में जानकारी के लिए कुलपति शिशिर पांडेय से बात करने की कोशिश नाकाम रही।  

छात्रों पर अराजकता का आरोप

उधर, इस संबंध में कुछ शिक्षकों ने नाम छिपाते हुए आरोप लगाया कि छात्र अराजकता पर उतारू हो गए थे। ये लोग पुनर्मूल्यांकन की मांग कर रहे थे, जबकि अब यह व्यवस्था बंद हो चुकी है। इसके अलावा छात्र गालीगलौज कर रहे थे, दरवाजे तोड़ रहे थे। कुछ ने तो परिसर में बिजली काटने की भी कोशिश की। इनका कहना था कि इसके पीछे उन्हीं छात्रों का हाथ है, जो पढ़ाई लिखाई नहीं बल्कि नेतागिरी करते हैं।

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