भाषा विश्वविद्यालय के नए कुलपति के सामने होंगी नई चुनौतियां, कैसे होगा छात्रों का भविष्य का उद्धार

भाषा विश्वविद्यालय के नए कुलपति के सामने होंगी नई चुनौतियां, कैसे होगा छात्रों का भविष्य का उद्धार

लखनऊ, अमृत विचार: ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में नए और स्थाई कुलपति डॉ. अजय तनेजा ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। नए कुलपति के सामने प्रस्तावित नए विभागों के संचालन से लेकर विश्वविद्यालय के सत्र को नियमित बनाए रखना की चुनौती होंगी। विश्वविद्यालय में नए सत्र से कई नए प्रयोग करने का प्रस्ताव पूर्व कुलपति डॉ. एनबी सिंह ने किया था। जिसमें विश्वविद्यालय में 10 नए सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों की शुरूआत की जानी थी। विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति के तहत जहां मल्टीपल एक्जीट प्रोग्राम शुरू किया है तो वहीं छात्रों को नए सर्टिफिकेट कोर्स में इसकी सुविधा देना भी शुरू कर दिया है।

इस सत्र से नए सर्टिफिकेट कोर्स जो कि छह माह से लेकर एक वर्ष तक की अवधि के होंगे इसकी तैयारी पूर्व कुलपति ने किया था। इसके अलावा भी कुल सात नए योजनाओं को अमली जामा पहनाने की तैयारी की जा रही थी। नए सर्टिफिकेट कोर्स में जिसमें गुजराती, तमिल, बंगला, पंजाबी और मराठी भाषाओं के सर्टिफिकेट कोर्स आंरभ किए जाने हैं। इसके अलावा लैंगिक समानता और रोजगार आधारित कुछ प्रोफेशनल कोर्स भी मल्टीपल एक्जीट प्रोग्राम के तहत शुरू करने की योजना रही है। विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर इन घोषणाओं को किया गया था। अवधी भाषा को लेकर शोध पीठ की स्थापना 15 लाख रुपए से करने की घोषणा की गई थी।

इन बिंदुओं पर होना है कार्य

-अवधी भाषा शोध पीठ
-भारतीय भाषा विभाग की स्थापना
-वाणिज्य विभाग में चार वर्षीय इंबेडेड कार्यक्रम
-वाणिज्य, प्रबंधन, तकनीक पर भाषा तकनीक होगा शुरू
-विधिक सहायता कार्यक्रम निशुल्क
-कम्यूनिटी क्लीनिक निशुल्क
-तीन की जगह अब 8 एनएसएस यूनिट होगी

नेपाल और भूटान से भी है विश्वविद्यालय का एमओयू

भाषा विश्वविद्यालय ने अब तक कुल 54 एमओयू हस्ताक्षर किया है। जिसमें नेपाल और भृटान से भी शैक्षिक समझौता किया गया है। पिछले सत्र में कुल 2099 छात्रों ने प्रवेश लिया है और प्रोफेशनल कोर्स की सभी सीटें भर गई थी। विश्वविद्यालय में 13 सेंटर फॉर एक्सीलेंस चल रहे हैं। नए सत्र से कुछ और सेंटर आरंभ करने की योजना थी।

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