शाहजहांपुर: 2011 के मारपीट और फायरिंग मामले में कोर्ट का फैसला, 4 लोगों को 5 साल कैद
शाहजहांपुर, अमृत विचार: घर में घुसकर हमला करने के चार दोषियों को अपर सत्र न्यायाधीश चंद्र मोहन चतुर्वेदी ने पांच-पांच साल कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर आरोपियों को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
9 अक्टूबर 2011 को सावित्री देवी पत्नी ओम उर्फ भगवन्नू ने आरसी मिशन थाने में तहरीर देकर बताया कि वह मोहल्ला रामबाग की निवासी है। उसके मकान के सामने सरकारी नल लगा हुआ है। मोहल्ले के ही निवासी ओंकार उसका भाई राम प्रकाश, राम प्रकाश का पुत्र संजीव और ओंकार की पत्नी लक्ष्मी
सरकारी नल को खत्म कर नल वाली जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। जिसको लेकर लगातार तनाव बना हुआ है। नौ अक्टूबर को उसका पति ओम घर पर था। दोपहर लगभग 2:00 बजे आरोपियों ने हमला कर दिया। फायरिंग करते हुए घर में घुस आए और उसके पति को जमकर मारापीटा।
जान से मार डालने के लिए गोली चलाई और चाकू से हमला किया। आरोपी लक्ष्मी ने नल के हत्थे से प्राण घातक चोटें पहुंचाईं। आरोपी राम प्रकाश के पास बंदूक, संजीव के हाथ में डंडा था। दोनों ने बेटी सरला को मारापीटा। उसके साथ भी बदसलू की की।
पड़ोसन हीरा कुमारी और उनके पति मूलचंद बचाने आए तो आरोपियों ने उन पर भी हमला कर दिया। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया। जिसके बाद कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी संदीप कुमार शर्मा ने बहस की।
उन्होंने आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त गवाह और सबूत होने की बात कहते हुए कड़ी सजा की मांग की। कोर्ट ने अभियोजन के तर्कों से संतुष्ट होकर पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य और गवाहों के आधार पर चारो आरोपियों को दोषी माना।
इसके बाद जबरदस्ती घर में घुसकर हमला करने व अन्य धाराओं में आरोपी ओंकार, लक्ष्मी, राम प्रकाश और संजीव को पांच-पांच साल कारावास की सजा सुनाई। आरोपियों पर तीन- तीन हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया।
अगर वह जुर्माना अदा नहीं करते हैं तो उन्हें दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। कोर्ट ने कहा कि दोषी अभियुक्तओं की विचारण के दौरान जेल में बिताई गई अवधि भी सुनाई गई सजा में समायोजित की जाएगी।
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