Amarnath Yatra 2025: श्रद्धालुओं के बेहतर अनुभव के लिए सुविधाएं बढ़ाने की योजना, अधिकारियों ने की समीक्षा

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Published By Anjali Singh
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जम्मू कश्मीर। जम्मू में प्राधिकारियों ने आगामी अमरनाथ यात्रा की खातिर जनसुविधाएं बढ़ाने की योजना की समीक्षा की। मंगलवार को अधिकारियों ने जानकारी दी कि समीक्षा में बुनियादी ढांचे और स्वच्छता में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया ताकि दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा में हिस्सा लेने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए बेहतर अनुभव सुनिश्चित किया जा सके। 

इस वर्ष 38 दिवसीय तीर्थयात्रा तीन जुलाई को दो मार्गों- दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किमी लंबे पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में 14 किमी लंबे लेकिन अपेक्षाकृत अधिक खड़ी चढ़ाई वाले बालटाल मार्ग से शुरू होगी। जम्मू आधार शिविर से पहला जत्था 2 जुलाई को रवाना होगा। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार ने जम्मू संभाग में यात्रा मार्ग पर जन सुविधाओं में वृद्धि और नवीनीकरण कार्य की विकास योजना की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। 

उन्होंने बताया कि सोमवार को यहां विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में स्वीकृत कार्य योजना के अनुसार तय कार्यों के क्रियान्वयन पर चर्चा की गई। प्रवक्ता ने बताया कि संभागीय आयुक्त ने जिला प्रशासन और संबंधित विभाग के प्रमुखों को कार्य के लिए जल्द से जल्द निविदाएं जारी करने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि जिलावार स्वीकृत कार्यों में कठुआ से रामबन जिले के बनिहाल तक यात्रा मार्ग में विभिन्न आश्रय केंद्रों में बिजली, पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं में वृद्धि, मौजूदा सुविधाओं की मरम्मत तथा नवीनीकरण शामिल हैं। 

वरिष्ठ अधिकारी ने बिजली विभाग को कठुआ के लखनपुर, भगवती नगर जम्मू और चंद्रकोट रामबन में आश्रय केंद्रों और यात्रा शिविरों में बिजली आपूर्ति और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। प्रवक्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को यात्रा शिविरों और आश्रय केंद्रों पर जरूरी दवाओं की व्यवस्था करने और एंबुलेंस तैनात करने को कहा गया। 

उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग को भगवती नगर यात्रा शिविर में ‘वाटरप्रूफ हैंगर’ और अस्थायी शेड लगाने का काम देखने को कहा गया। प्रवक्ता ने बताया कि कठुआ, सांबा, जम्मू, रियासी, उधमपुर और रामबन के उपायुक्तों को कार्य की प्रगति की निगरानी करने को कहा गया है ताकि इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित हो और यह समय पर पूरा हो सके।

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