संभल: 95 लाख का बीमा हथियाने के लिए लकवाग्रस्त सगे भाई को उतारा था मौत के घाट
संभल, अमृत विचार। आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए एक व्यक्ति ने गहरी साजिश को अंजाम दिया। लकवाग्रस्त सगे भाई की कई बीमा पॉलिसियां कराईं और फिर 95 लाख रुपए का क्लेम पाने के लिए सगे भाई की हत्या कर घटना को दुर्घटना का रूप दे दिया। एक बीमा कंपनी की शिकायत पर पुलिस ने एक साल पुरानी घटना की गहनता से पड़ताल की तो सगे भाई की हत्या का सच सामने आया। पुलिस ने हत्यारे भाई व उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि जनपद बदायूं के इस्लामनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत बमनपुरी गांव निवासी संजय की 20 जून 2024 को जनपद संभल के बहजोई थाना क्षेत्र में सड़क किनारे लाश पड़ी मिली थी। संजय के सगे भाई नवीन ने इस घटना को लेकर 6 जुलाई को बहजोई थाने पर मुकदमा दर्ज कराते हुए कहा था कि उसका भाई संजय ई रिक्शा से बहजोई जा रहा था। तभी मऊ गांव के नजदीक लोकेंद्र शर्मा के भट्टे के पास किसी वाहन ने पीछे से ई-रिक्शा में जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में ई-रिक्शा से गिरकर उसके भाई संजय की मौत हो गई। घटना को सड़क दुर्घटना का मामला मानकर बहजोई पुलिस ने 14 सितंबर को अदालत में फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी थी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जनपद में बीमा माफिया के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई की जानकारी मिलने के बाद टाटा एआईजी नाम की कंपनी ने अपर पुलिस अधीक्षक अनुकृति शर्मा को बताया कि संजय की सड़क दुर्घटना में मौत के मामले में उन्हें कुछ संदेह है। इसलिए पुलिस इस मामले की पड़ताल करे तो सच सामने आ जाएगा। इसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक एवं उनकी टीम ने जांच शुरू की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। नवीन ने पंचायतनामा में लिखा था कि सीने में दर्द होने से अचानक ई रिक्शा से सड़क पर गिरकर उसके भाई संजय को चोटें आईं और फिर उनकी मौत हो गई।
वहीं नवीन ने एफआईआर में अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत की बात लिखी थी। इस विरोधाभास का सच जानने के लिए नवीन को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने सच उगल दिया। नवीन ने बताया कि उसके गांव के ही रहने वाले अधिवक्ता अखिलेश व डाकिया दोस्त राजू के साथ मिलकर उसने बीमा क्लेम का पैसा हड़प कर गरीबी से मुक्ति पाने के लिए अपने लकवा ग्रस्त भाई संजय की हत्या कर उसकी मौत को दुर्घटना साबित किया था।
इलाज के बहाने लेकर गया और रास्ते में कर दी हत्या
अपर पुलिस अधीक्षक अनुकृति शर्मा ने बताया कि कि जब पर्याप्त धनराशि की बीमा पॉलिसी हो गईं तब नवीन ने राजू व अखिलेश के साथ मिलकर भाई संजय की हत्या की योजना तैयार की। अखिलेश व राजू ने नवीन से कहा कि इस बात का ध्यान रखना की हत्या एक्सीडेंट ही लगे। इसके बाद 20 जून को नवीन अपने भाई संजय को इलाज के बहाने ई-रिक्शा में बैठकर बहजोई के लिए रवाना हुआ। मऊ कठेर गांव के निकट सड़क सुनसान दिखाई तेज गति से चल रही ई रिक्शा से भाई संजय को नीचे धक्का दे दिया। ई रिक्शा चालक ने संजय को अस्पताल लेकर चलने की सलाह दी तो नवीन ने उसे यह कहकर डरा दिया कि तू गलत ई रिक्शा चला रहा था तेरी वजह से ही यह गिरा है, मैं तेरे खिलाफ मुकदमा दिखा दूंगा। ई रिक्शा चालक डर की वजह से वहां से भाग गया तो जमीन पर पड़े संजय का सिर पकड़कर नवीन ने तेजी से सड़क पर पटक दिया। जब देख लिया कि नवीन की मौत हो गई तो नवीन वहां से वापस इस्लामनगर आ गया। बाद में बहजोई अस्पताल पहुंचा जहां उसके भाई की लाश रखी थी।
20 लाख के क्लेम का हो चुका भुगतान
संभल, अमृत विचार: अपर पुलिस अधीक्षक अनुकृति शर्मा ने बताया कि नवीन ने अपने भाई संजय के नाम से जिन बीमा कंपनियों की पॉलिसी कराई थी उनसे उसे 95 लाख रुपए का क्लेम मिलना था। पुलिस द्वारा मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दिए जाने के बाद क्लेम की बाधाएं दूर हो गई थीं। एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने 20 लाख रुपए के क्लेम का भुगतान नवीन के खाते में कर दिया था। टाटा एआईजी कंपनी के संदेह के बाद पुलिस ने पड़ताल की तो अब नवीन की साजिश का भांडा फोड़ हो गया।
कई बीमा कंपनियों से कराई पॉलिसी
भाई की हत्या के आरोपी नवीन ने बताया कि उसका भाई पहले इस्लामनगर में स्टेशनरी की दुकान चलाता था। उनकी कोई संतान नहीं थी और पत्नी से भी तलाक हो गया था। भाई संजय शराब पीने लगे थे और शरीर भी लकवा ग्रस्त हो गया था। नवीन ने बताया कि उसका कारोबार अच्छा नहीं चल रहा था और कर्ज भी हो गया था। सितंबर 2023 में उसके दोस्त राजू व अधिवक्ता अखिलेश ने सलाह दी कि तुम अपने भाई की बीमा पॉलिसी करा लो और फिर उसकी एक्सीडेंट में मृत्यु हो जाए तो तुम्हें काफी पैसा मिल जाएगा। प्लान नवीन की समझ में आया तो उसने भाई संजय की कई कंपनियों की बीमा पॉलिसी करा दीं। राजू व अखिलेश की सलाह पर सभी बीमा पॉलिसी में वह खुद नॉमिनी बना ताकि बीमा क्लेम का पैसा उसके ही खाते में आए। इन पॉलिसी के बदले नवीन को भाई संजय की दुर्घटना में मौत पर 95 लाख रुपए का क्लेम मिल जाता।
