लक्ष्य बड़ा और इरादा मजबूत, बरेली में 38 हजार महिलाओं को जोड़ेगा आजीविका मिशन
अनुपम सिंह, बरेली: ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए इस वर्ष 38 हजार महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशालय ने पिछले साल की तुलना में समूहों के गठन का लक्ष्य लगभग दोगुना कर दिया है।
इस बार जिले में 3167 समूहों के गठन का लक्ष्य विभाग को दिया गया है। एक समूह में न्यूनतम दस और अधिकतम 20 महिलाओं को शामिल किया जा सकता है। लक्ष्य मिलने के बाद विभाग ने समूहों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
दरअसल, ग्रामीण परिवार की महिलाओं की आजीविका और सामाजिक उन्नयन के लिए मिशन की ओर से स्वयं सहायता समूहों का गठन कराया जाता है। इसमें महिलाएं अपने हुनर के अनुसार आर्थिक गतिविधियों का संचालन करके अपनी और अपने परिवार की सामाजिक स्थिति को मजबूत करने में मददगार बनती हैं। समूह की गतिविधियों को संचालित करने के लिए आर्थिक सहायता शासन की ओर से उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए प्रक्रिया निर्धारित है।
समूहों के गठन होने और खाते खुलने के 25 दिन बाद एनआरएलएम की ओर से स्वयं सहायता समूहों के खाते में स्टार्टअप फंड के लिए 2500 रुपये दिए जाते हैं। समूह के गठन के छह माह बाद परिक्रामी फंड के ताैर पर 30 हजार रुपये समूहों के खाते में डाले जाते हैं।
वहीं, सीसीएल और सीआईएफ के लिए डेढ़-डेढ़ लाख रुपये दिए जाते हैं। इसी के जरिये महिलाओं को बचत करना भी सिखाया जाता है। मिशन की ओर से चालू वित्तीय वर्ष के लिए पिछले सप्ताह 3167 समूहों के गठन का बड़ा लक्ष्य विभाग को दिया है। इसमें 38 हजार महिलाओं को जोड़ा जाएगा।
शेरगढ़ को सबसे ज्यादा समूहों के गठन का मिला लक्ष्य
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशालय से ब्लॉक वार समूहों के गठन के साथ महिलाओं को जोड़ने का भी लक्ष्य दिया गया है। इसमें सबसे ज्यादा 483 समूहों का लक्ष्य शेरगढ़ ब्लॉक को मिला है, जहां पर 5795 महिलाओं को जोड़ा जाएगा। दूसरे स्थान पर मीरगंज ब्लॉक है, जहां पर 429 समूहों का गठन कर 5148 महिलाएं जोड़ी जाएंगी। आलमपुर जाफराबाद में 229 समूहों में 2743, बहेड़ी में 269 समूहों में 3226,
भदपुरा में 172 में 2068, भुता में 85 समूहों में 1016, बिथरी चैनपुर में 105 समूहों में 1262, क्यारा में 171 समूहों में 2057, फरीदपुर में 57 समूहों में 682, फतेहगंज पश्चिमी में 235 समूहों में 2819, मझगवां में 81 समूहों में 976, नवाबगंज में 333 समूहों में 4000, रामनगर में 282 समूहों में 3382, रिछा में 319 समूहों में 3827 महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य दिया गया है।
इस साल 1459 समूहों के गठन का लक्ष्य बढ़ा, पूरा करना चुनौती
शासन से बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले को 1708 समूहों के गठन का लक्ष्य दिया गया था। काफी जोर लगाने के बाद भी बीते वित्तीय वर्ष के 11 महीने में 1300 समूहों का ही गठन हो सका था। 408 समूहों का गठन नहीं हो गया था, जबकि खाते खुलवाने की स्थिति तो और भी ज्यादा खराब थी।
खाते खुलवाने में बैंक के स्तर से कई तरह से मुश्किलें खड़ी की गई थीं। ऐसे में इस बार पिछले साल की अपेक्षा 3167 यानि की 1459 समूहों के गठन का लक्ष्य और ज्यादा दे दिया गया है। ऐसे में लक्ष्य को पूरा करना विभाग के सामने किसी चुनौती से कम नहीं है।
शासन की मंशा है कि ग्रामीण परिवेश की महिलाओं का जीवन स्तर बेहतर हो, इसीलिए स्वयं सहायता समूहों का गठन कर महिलाओं को जोड़ा जाता है। इस बार लक्ष्य बढ़ाकर दिया गया है। समूहों के गठन के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है- योगेंद्र लाल भारती, उपायुक्त स्वत: रोजगार
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