बदायूं: रहें सावधान...अब सरकारी अस्पतालों में कैमरे से रुकेगी अवैध वसूली
बदायूं, अमृत विचार। जिला महिला अस्पताल में अवैध वसूली की तमाम शिकायतें पहुंचने पर अब प्रशासन की ओर से सुविधा को दुरूस्त करते हुए सीसीटीवी की मदद से अवैध लोगों को चिन्हिंत किया जाएगा। इससे बाहरी और आसामजिक तत्वों को चिन्हिंत कर कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल प्रशासन ने इस संबंध में तैयारी शुरू कर दी है।
जिला महिला अस्पताल में आने वाली प्रसूताओं से अवैध वसूली की शिकायतें लगातार आती रहती है। इनमें कई बार आशाओं को सरकारी अस्पताल से कमीशनबाजी के चक्कर में निजी अस्पताल में ले जाने की शिकायतें भी शामिल है। इन शिकायतों पर रोक लगाने के लिए अब अस्पताल परिसर को कैमरे से लैस किया जा रहा है। इन्हीं अवैध वसूली से परेशान एक पीड़ित की ओर से मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के बाद एडी हेल्थ साधना अग्रवाल ने सीएमओ डॉ. रामेश्वर मिश्रा को निर्देशित किया कि अस्पताल परिसर में सीसीटीवी की मदद से अवैध वसूली पर रोक लगाई जाए। कई बार अवैध वसूली के अलावा चोरी के भी दर्जनों मामले सामने आएं है।
अस्पताल प्रशासन के अनुसार सुरक्षा कर्मियों की ओर से ओपीडी में लगातार ऐसी महिलाओं और पुरुषों को चिन्हिं किया जाएगा, जो संदिग्ध अवस्था में टहलते हुए मिलेंगे। सीएमओ डा. रामेश्वर मिश्रा ने बताया कि महिला और पुरुष अस्पताल के सीएमएस को निर्देशित किया गया है कि दलालों पर अंकुश लगाने को सुरक्षा कर्मियों की मदद ली जाए। अस्पतालों मे बाहरी लोगों से पूछताछ की जाए जिससे वह यहां न आएं। बताया जा रहा है कि प्राइवेट अस्पतालों के एजेंट यदि सरकारी अस्पतालों में दिखाई देंगे तो कार्यवाही की जाएगी। ऐसा नहीं होने पर सुरक्षाकर्मियों को तलब किया जाएगा।
सुरक्षा कर्मी पूछेंगे अस्पताल आने का कारण
सुरक्षा कर्मियों को निर्देशित किया गया है कि संदिग्ध लोगों से पूछताछ करें, अस्पताल आने का कारण पूछें, किस मरीज को लेकर आए हैं इसकी जानकारी करें। यदि मरीज है तो ठीक है वरना किसी को अंदर न आने दिया जाए जिससे भीड़ भाड़ भी कम हो। इधर उधर के आने वाले लोग अक्सर अस्पताल में वाहन खड़े कर बाहर चले जाते हैं ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रखी जाए।
सीटी स्कैन सेंटर पर होती है अवैध वसूली
जिला अस्पताल के अंदर सीटी स्कैन सेंटर पर दलालों के घूमने की जानकारी अस्पताल प्रशासन को दी गयी है। यहां पर मरीजों से रुपए लेकर सीटी स्कैन कराने का आरोप कई बार लग चुका है। हर बार मामला निपटा दिया जाता है। अस्पताल में सबसे अधिक भीड़ सीटी स्कैन सेंटर पर रहती है। यहां कभी सीएमएस निरीक्षण भी नहीं करते हैं। शिकायतों को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
