पीलीभीत: बराही गेट को मिली अनुमति तो बढ़ सकता है मानव-वन्यजीव संघर्ष, अफसर कर रहे मंथन..जानिए पूरा मामला

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Published By Virendra Pandey
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पीलीभीत, अमृत विचार। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बराही वन विश्राम गृह से तीसरा सफारी रूट खोले जाने पर मंथन किया जा रहा है, मगर यह प्रस्तावित बराही गेट कई मायनों में वन महकमे के साथ-साथ आसपास की आबादी के लिए बड़ी मुसीबत भी बन सकता है। इसकी सबसे बड़ी वजह यहां जंगल की चौड़ाई कम होना है। ऐसे में सफारी वाहनों के संचालन से वन्यजीव खासा प्रभावित हो सकता है। ऐसे में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ने से इंकार नहीं किया जा रहा है। जिम्मेदारों ने भी इसे लेकर मंथन शुरू कर दिया है।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व पर्यटन के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। विशिष्ट जैवविविधता के दम पर टाइगर रिजर्व देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाता नजर आ रहा है। यही वजह है कि यहां पर्यटन सत्र के दौरान साल दर साल सैलानियों की संख्या बढ़ती जा रही है। खास बात यह है कि इसमें विदेशी सैलानी भी पीछे नहीं रहे। विदेशी सैलानियों की संख्या में भी खासा इजाफा देखा जा रहा है। पर्यटन सत्र के दौरान सैलानियों की सुविधा के लिए मुस्तफाबाद गेट और महोफ गेट पर बुकिंग काउंटर खोले गए हैं। इन्हीं दोनों गेटों के माध्यम से सैलानियों के सफारी वाहनों की एंट्री होती है। गत वर्ष बाघ संरक्षण फाउंडेशन की पहली बैठक के दौरान बराही रेंज के अंतर्गत बराही वन विश्राम गृह से तीसरा नया बराही गेट खोलने के लिए भी मंथन किया गया था। बताते हैं कि अब जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर तीसरे बराही गेट को खोलने की कवायद में जुटे हैं। मगर, बराही रेंज के अंतर्गत आने वाला यह तीसरा नया बराही गेट टाइगर रिजर्व प्रशासन के साथ-साथ संबंधित क्षेत्र की आसपास बसी आबादी के लिए भी मुसीबत बन सकता है।

यह बढ़ेंगी टाइगर रिजर्व प्रशासन की मुसीबतें

जंगल से जुड़े जानकारों के मुताबिक जिस स्थान पर तीसरा गेट खोलने की बात कहीं जा रही है, वहां जंगल की चौड़ाई बेहद कम है। ऐसे में कम चौड़ाई के जंगल में रोजाना सुबह-शाम 4-4 घंटे सफारी वाहनों के संचालन से बाघ समेत वन्यजीव का नैचुरल हैबिटेट प्रभावित हो सकता है। सफारी वाहनों की लगातार आवाजाही से बाघ जंगल से बाहर निकलने लगेंगे और इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा नए सफारी रूट को खोलने के लिए टाइगर रिजर्व प्रशासन को संबंधित स्थान पर नए सिरे से पर्यटन संचालन संबंधी सभी कार्य कराने होंगे। जबकि टाइगर रिजर्व को शासन की ओर से मिलने वाला बजट भी साल दर साल घटता जा रहा है। ऐसे में टाइगर रिजर्व प्रशासन को नया बराही गेट खोलने में खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल इस मामले में अब टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर को ही निर्णय लेना है। इस संबंध में डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इस पर अभी मंथन चल रहा है। सभी बिंदुओं पर गहनता से देखा जा रहा है।

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