Kedarnath Dham: स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में, सशक्त स्वास्थ्य ढांचे से चारधाम यात्रा आसानउच्च जोखिम वाले श्रद्धालुओं की बच रही जान

Kedarnath Dham: स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में, सशक्त स्वास्थ्य ढांचे से चारधाम यात्रा आसानउच्च जोखिम वाले श्रद्धालुओं की बच रही जान

देहरादून, अमृत विचार : उत्तराखंड की प्रतिष्ठित चारधाम यात्रा इस बार सशक्त स्वास्थ्य ढांचे से जहां आसान हो रही है। वहीं, उच्च जोखिम वाले श्रद्धालुओं की जान बच रही है। स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा के दौरान संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के अनुसार, यात्रा मार्ग पर अब तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच (स्क्रीनिंग) की जा चुकी है।

अब तक की स्क्रीनिंग में कई श्रद्धालु हाई ब्लड प्रेशर, सांस संबंधी समस्याएं या अन्य स्वास्थ्य स्थितियों से ग्रस्त पाए गए हैं। करीब 29 श्रद्धालुओं को आगे यात्रा न करने की सलाह देकर उन्हें सुरक्षा के दृष्टिकोण से वापस भेजा गया। वहीं, 369 श्रद्धालुओं को एंबुलेंस से और 33 को हेली एंबुलेंस सेवा से रेफर कर इलाज के लिए भेजा गया।

सचिव डॉ. कुमार का कहना है कि, केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा को इस बार 17 बेड का नया अस्पताल भी सेवा में लाया गया है। चारधाम यात्रा मार्ग पर विशेषज्ञ डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की रिकॉर्ड तैनाती सरकार की गंभीरता को दर्शाती है। यात्रा मार्ग पर सशक्त स्वास्थ्य ढांचे के तहत सरकार की प्राथमिकता इस वर्ष केवल तीर्थयात्रियों की संख्या ही नहीं, बल्कि प्रत्येक श्रद्धालु की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है। इसके लिए हम तकनीक, विशेषज्ञता और मानव संसाधन तीनों पर समान रूप से कार्य कर रहे हैं। रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जैसे चारधाम जिलों में इस बार 49 स्थायी स्वास्थ्य केंद्र और 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट को सक्रिय किया गया है। वहीं, ट्रांजिट जिलों, हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी में भी मजबूत स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। यात्रा प्रारंभ बिंदुओं पर 57 स्क्रीनिंग कियोस्क लगाए गए हैं, जिनमें हरिद्वार और ऋषिकेश में 2-2, विकासनगर में 2 और पौड़ी के कालियासौड़ में 1 नया स्क्रीनिंग सेंटर जोड़ा गया है।

ट्रेनिंग, जागरूकता और जनसहभागिता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने केवल मेडिकल स्टाफ ही नहीं, बल्कि होटल, धर्मशाला स्टाफ, खच्चर चालकों और कुलियों को भी प्रशिक्षित किया है ताकि वे हाई रिस्क लक्षणों को पहचान सकें और समय पर रेफरल सुनिश्चित कर सकें। साथ ही, हाइपोथर्मिया जैसे जोखिम से बचाव हेतु भी विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया है। ई-स्वास्थ्यधाम पोर्टल के माध्यम से स्वास्थ्य डेटा की निगरानी और आपात स्थिति की त्वरित प्रतिक्रिया संभव हो पाई है। यात्रा मार्ग पर 154 एंबुलेंस तैनात हैं, जबकि पहली बार एम्स ऋषिकेश के सहयोग से हेली एंबुलेंस सेवा भी संचालित है।

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