शाहजहांपुर: रोडवेज बस स्टैंड के सामने दुकानों पर चला बुलडोजर

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Published By Pradeep Kumar
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शाहजहांपुर, अमृत विचार। रोडवेज बस स्टैंड के सामने कैंट की जमीन पर टीनशेड डालकर बनाई गई दुकानों पर मंगलवार को बुलडोजर चला दिया गया। सेना और पुलिस के सहयोग से की जा रही कार्रवाई के दौरान कुछ दुकानदारों की पुलिस से नोकझोक हो गई, जब सेना के जवान आगे बढ़े तब विरोध करने वाले पीछे खिसक लिए। कैंट की जमीन पर रोड किनारे वर्षो से टीनशेड डालकर कर दुकानदार व्यापार रहे थे, रोडवेज के सामने इन्हीं दुकानों की वजह से बना अतिक्रमण भी बना हुआ था, इससे आए दिन जाम की स्थिति बन जाती थी।

रोडवेज बस अड्डे के सामने कैंट क्षेत्र की जमीन काफी समय से खाली पड़ी है। इस जमीन पर कुछ दुकानदारों ने पक्की दीवारें खड़ी करके टीनशेड डालकर कब्जा कर लिया  वहीं कुछ ऐसे भी दुकानदार हैं, जिन्होंने लकड़ी व लोहे का खोखा रखकर अस्थायी अतिक्रमण कर रखा है, जिसमें चाट-पकौड़ी, चाय आदि यह लोग अपना व्यापार चलाते हैं, बस अड्डे के सामने होने के कारण यहां पर दुकानों की भरमार के साथ ही तमाम लोगों ने फलों के ठेले भी लगाकर रोड किनारे अस्थायी तौर पर कब्जा कर रखा था। इन दुकानदारों ने कैंट की जमीन के साथ ही रोड के किनारे की जमीन को भी कब्जे में कर रखा था, जिससे दिल्ली-पलिया नेशनल हाईवे संकरा हो गया था और यहां पर बस स्टैंड के अंदर बसें निकलने और बस स्टैंड के अंदर बसें जाने के दौरान जगह नहीं बचती थी और जाम की स्थिति बन जाती थी।

बताया जा रहा है कि अस्थाई रूप से काबिज कुछ दुकानदार कोर्ट की शरण में भी थे, कोर्ट से जमीन खाली कराने का फैसला आने के बाद मंगलवार को सेना के रक्षा संपदा विभाग बरेली की टीम शाहजहांपुर पहुंची। स्थानीय सदर बाजार पुलिस के सहयोग से अतिक्रमण हटाना शुरू किया तो दुकानदारों में हड़कंप मच गया। सेना के जवान और भारी संख्या में पुलिस बल को देखकर अधिकतर दुकानदार अपना ठेला हटाकर जाने लगे। वहीं, दुकान लगाने वाली एक-दो महिलाओं ने विरोध का प्रयास किया तो महिला कांस्टेबल ने पकड़कर किनारे कर दिया। कुछ लोगों की पुलिस से नोकझोंक भी हो गई। सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला तो वह पीछे हट गए। इसके बाद जेसीबी से अस्थाई दुकानों को ढहा दिया गया और जमीन को कब्जा मुक्त करा लिया गया। 

40 वर्ष से अधिक समय से था अतिक्रमणकारियों का कब्जा
रोडवेज बस स्टैंड के सामने कैंट की बेशकीमती खाली पड़ी जमीन 40 वर्ष से अधिक समय से अतिक्रमणकारियों का कब्जा था, चूंकि रोडवेज बस स्टैंड पर हर वक्त यात्रियों का आना-जाना होता है, इसलिए अतिक्रमणकारियों का व्यापार भी बेहतर चल रहा था, इसलिए यह लोग किसी कीमत पर जमीन को खाली नहीं करना चाहते थे। मंगलवार को जमीन खाली करनी पड़ गई।

खानपान की सुविधा तो दी, पर ट्रैफिक व्यवस्था में थे वाधक
रोडवेज बस स्टैंड के सामने कैंट की जमीन पर व्यापार कर रहे इन दुकानों की वजह से मुसाफिरों को खानपान की सुविधा तो थी,  लेकिन यह दुकानदार ट्रैफिक व्यवस्था में भी बाधक बने हुए थे, इन दुकानदारों ने रोड के किनारे बिल्कुल सटाकर दुकानें लगा रखीं थीं, दुकान के सामने वाहन खड़ा करने भर की जगह नहीं बचती थी, यदि कोई निजी वाहन से आकर सामान खरीदने के लिए रुकता है, तो जाम की स्थिति बन जाती थी।

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