ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक विकास के साथ कदमताल करेंगे आगरा और प्रयागराज

अगले साल से इन शहरों में भी नजर आने लगेगी विकास की तेजी

ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक विकास के साथ कदमताल करेंगे आगरा और प्रयागराज
सांकेतिक फोटो

लखनऊ, अमृत विचार। निकट भविष्य में आगरा और प्रयागराज जैसे शहर भी ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक विकास की तर्ज पर कदमताल करते नजर आएंगे। अगले साल से ही इन छोटे शहरों में भी विकास की तेजी दिखने लगेगी। यहां बड़ी औद्योगिक यूनिटें तो लगेंगी ही, साथ ही आवासीय टाउनशिप भी बसाई जाएगी। औद्योगिक हब में काम करने के लिए देश विदेश से आने वाले लोगों के लिए आवासीय सुविधाएं मिलेंगी।

दरअसल, योजना ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर आगरा और प्रयागराज में इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बसाए जाने की है। इसकी तैयारी सरकार ने कर ली है। ऐसे ही देशभर में 12 इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बसाने को भी केन्द्र से हरी झंडी मिली है। जानकारों की मानें तो इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी के तहत इन छोटे समझे जाने वाले शहरों में भी बड़ी औद्योगिक यूनिटें तो लगेंगी ही, साथ ही आवासीय टाउनशिप भी बसाई जाएगी, ताकि ऐसे औद्योगिक हब में काम करने के लिए देश विदेश से आने वाले लोगों के लिए आवासीय सुविधाएं मिल सकें।

हाल ही में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) और उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीए) ने आगरा और प्रयागराज में प्रमुख क्लस्टर विकसित करने के लिए साझेदारी की है। इस बाबत वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का कहना है कि दोनों शहरों में ये एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के तहत औद्योगिक और आर्थिक विकास के इंजन बनने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इससे न केवल रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि औद्योगिक गंतव्य के रूप में उत्तर प्रदेश की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।

दोनों शहरों के उद्योगों को फायदा होगा

विशेषज्ञों की मानें तो इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनने से ताजनगरी आगरा और प्रयागराज के उद्योगों को तो फायदा होगा ही, इसके अलावा आसपास के जिलों के उद्योगों को भी लाभ मिलेगा। दोनों इंडस्ट्रियल सिटी ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के किनारे हैं, जिसकी वजह से आसपास के जिलों के मैन्युफैक्चर्ड गुड्स को पोर्ट तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। विशेषकर आगरा से सटे फिरोजाबाद के ग्लास प्रोडक्ट्स और कन्नौज के इत्र को काफी लाभ होगा। प्रयागराज से सटे भदोही की बात करें तो इन नए शहरों के बसने से यहां के कारपेट उद्योग को भी फायदा होगा।

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