गैंगरेप में भाई-बहन को 20-20 साल का सश्रम कारावास

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Published By Virendra Pandey
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अपहरण कर पीड़िता को रखा था अलीगंज में, एक आरोपी अब भी फरार

विधि संवाददाता, लखनऊ, अमृत विचार। नाबालिग युवती को अगवा कर उसके साथ छेड़छाड़ व गैंगरेप करने तथा साजिश के मामले में पॉक्सो की विशेष अदालत ने आरोपी शिवओम शरण मिश्रा उर्फ सोनू मिश्रा व उसकी बहन आयशा मिश्रा को दोषी करार दिया है। विशेष जज आशुतोष कुमार सिंह ने दोनों को 20-20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही सोनू मिश्रा पर 69 जबकि आयशा पर 79 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले का एक आरोपी विजय कालिया उर्फ विजय अग्रवाल उर्फ गोलू फरार है।

इस मामले की रिपोर्ट चार सितंबर 2014 को पीड़िता के भाई ने थाना हसनगंज में दर्ज कराई थी। सरकारी वकील पंकज श्रीवास्तव, अनुपमा श्रीवास्तव व विनय कुमार के मुताबिक पीड़िता एक दिन पहले ब्यूटीपार्लर का कोर्स सीखने के लिए घर से निकली थी लेकिन वापस नहीं आई। घर वालों ने उसे काफी तलाश किया लेकिन वह नहीं मिली। दूसरे दिन उसने अपने भाई के मोबाइल पर बताया कि उसे आयशा और विजय कालिया जबरदस्ती उठाकर इंडिगो गाड़ी से जानकीपुरम में एक घर पर लाए हैं। तब उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को भी दी। विकासनगर थाने की पुलिस और परिवार वाले जब पहुंचे तो वहां कोई नहीं मिला। इसके बाद पीड़िता के भाई को अपने स्तर से काफी खोजबीन के बाद मालूम हुआ कि अलीगंज के सेक्टर सी स्थित एक मकान में एक महिला एक आदमी के साथ एक लड़की को लेकर आई है।

वह तुरंत अपने परिजनों और दोस्तों के साथ वहां पहुंचा। मकान का दरवाजा खुलवाया तो अंदर डरी सहमी पीड़िता मिली। आयशा और विजय कालिया मिला। हालांकि विजय उन लोगों को धक्का देकर भाग गया, घटना में प्रयुक्त इंडिगो गाड़ी भी बाहर खड़ी थी। भाई और उसके साथी पीड़िता के साथ आयशा और गाड़ी को बरामद कर थाने ले गए। विवेचना में मालूम हुआ कि नशीला पदार्थ पिलाकर पीड़िता के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था।

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