लखीमपुर खीरी: मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने को 46 प्रशिक्षित बाघ मित्र तैनात

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Published By Monis Khan
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लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। दुधवा नेशनल पार्क के बफर जोन में मानव-वन्य जीव संघर्ष रोकने के लिए 46 प्रशिक्षित बाघ मित्रों की तैनाती की गई है। इनमें सर्वाधिक 18 बाघ मित्र उत्तर निघासन रेंज में तैनात किए गए हैं। इस रेंज का मंझरा पूरब का इलाका बाघों के हमले के लिए काफी आसान है। यह बाघ मित्र वन्यजीवों के मूवमेंट की जानकारी कर ग्रामीणों और वन अधिकारियों से साझा कर जागरुकता और संसाधनों से होने वाले हमलों को रोकेंगे।

बफर जोन का इलाका दुधवा नेशनल पार्क से सटा है। इससे दुधवा नेशनल पार्क से निकलकर बाघ, तेंदुआ, हिरण, भालू जैसे तमाम वन्यजीव बफर जोन में आते-जाते रहते हैं। बफर जोन से सटे खेतों में गन्ने आदि की फसल होने से हिंसक वन्य जीव इन खेतों को अपना ठिकाना बना लेते हैं और मानव-वन्य जीव के टकराव की घटनाएं होती रहती हैं। बफर जोन का उत्तर निघासन, पलिया और संपूर्णानगर रेंज दुधवा नेशनल पार्क की सीमा से मिला हुआ है। बाघ अक्सर गन्ने के खेतों को अपना आशियाना बना लेते हैं। बाघों के मूवमेंट से सबसे अधिक बफर जोन का उत्तर निघासन, पलिया और मझगई रेंज प्रभावित होता है। जंगल से निकलकर गन्ने के खेतों में शरण लेने वाले बाघ खेतों में काम कर रहे लोगों और मवेशियों को शिकार बना लेते हैं। बफर जोन के अधिकारियों ने मानसून सत्र शुरू होने से पहले ही मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए रणनीति बनाई है। इसके लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व की तर्ज पर संवेदनशील क्षेत्रों में बाघ मित्रों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है।

बाघ मित्र बनने को कुल 103 आवेदन आए
बाघ मित्र बनने के इच्छुक युवाओं से आवेदन मांगे गए तो कुल 103 आवेदन आए। विभाग ने जब छंटनी की तो उनकी संख्या 46 रह गई। इन चयनित 46 युवाओं को विभाग चार प्रशिक्षण दे चुका है। अधिकारियों का कहना है कि बाघ मित्रों को वन्यजीवों के पैरों के निशान की पहचान कराने के साथ ही बाघ, तेंदुआ, सियार, भेड़िया, कुत्ता, लोमड़ी सहित हिंसक वन्य जीवों के बारे में प्रशिक्षित किया गया है। बाघ मित्र अपने गांवों और आसपास के क्षेत्रों पर नजर रखेंगे। ग्रामीणों की सूचना पर वह पगमार्क की पहचान कर ग्रामीणों को हकीकत की जानकारी देने के साथ ही क्षेत्र के वन कर्मियों को भी संबंधित वन्यजीव के मूवमेंट की सूचना देंगे। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अफवाहों पर ब्रेक लगेगा और ग्रामीणों को भी बेवजह डर का सामना नहीं करना पड़ेगा।

बफर जोन उप निदेशक सौरीष सहाय ने बताया कि बाघों के हमलों को रोकने और वन्यजीवों के मूवमेंट की जानकारी के लिए 46 बाघ मित्र प्रशिक्षित किए गए हैं। बफर जोन में बाघ मित्र का मॉडल पीलीभीत टाइगर रिजर्व का लिया गया है। बाघ मित्रों को निर्देश दिए गए हैं कि वह क्षेत्र में रहकर वन्यजीवों के मूवमेंट पर नजर रखें। सबसे ज्यादा 18 बाघ मित्र उत्तर निघासन रेंज में तैनात किए गए हैं।

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