गैंगस्टर अधिनियम के दुरुपयोग पर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी : मुजफ्फरनगर के डीएम और एसएसपी को तलब

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Published By Vinay Shukla
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प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी और डीएम, मुजफ्फरनगर द्वारा गैंगस्टर अधिनियम को मनमाने ढंग से लागू करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होकर अपने कदाचार और लापरवाही के बारे में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों के आचरण को अनुचित बताते हुए कहा कि अधिकारियों का आचरण उक्त अधिनियम के सरासर दुरुपयोग को दर्शाता है।

अधिनियम के तहत कार्यवाही को मंजूरी देने से पहले अधिकारी अपने विवेक का इस्तेमाल करने में विफल रहे। कोर्ट ने यूपी गैंगस्टर नियमावली, 2021 के नियम 5(3)(ए) के प्रावधानों पर विचार करते हुए और वर्तमान मामले में आरोपी को जमानत देते हुए कहा कि यह मामला न केवल एसएचओ की मनमानी को दर्शाता है, बल्कि एसपी और जिला मजिस्ट्रेट की ओर से भी बरती गई घोर लापरवाही को दिखाता है, जिन्हें संयुक्त बैठक आयोजित करते समय अपने दिमाग का इस्तेमाल करने की आवश्यकता थी। इसके अलावा कोर्ट ने इस बात पर भी जोड़ दिया कि गैंगस्टर अधिनियम का ऐसा यांत्रिक और बार-बार उपयोग न्यायिक निर्देशों तथा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन में राज्य द्वारा जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन दर्शाता है।

उक्त आदेश न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की एकलपीठ ने गैंगस्टर अधिनियम की धारा 2/3 के तहत दर्ज मामले में आरोपी मनशाद उर्फ सोना को जमानत देते हुए पारित किया। याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि गैंगस्टर अधिनियम पुराने मामलों के आधार पर लगाया गया है। याची के मामले को लंबा खींचने के लिए उक्त कानून का दुरुपयोग करने की एक सोची-समझी रणनीति बनाई गई है। याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी बताया कि याची मई 2025 से जेल में बंद है और अगर उसे जमानत दी जाती है तो वह जमानत की स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेगा और मुकदमे की कार्यवाही में सहयोग देगा।

कोर्ट द्वारा अपर शासकीय अधिवक्ता से याची के खिलाफ पुराने मामलों के आधार पर बार-बार गैंगस्टर अधिनियम लगाने का कारण पूछने पर कोई विशेष स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जिस पर कोर्ट ने एक्ट के ऐसे मनमाने और अनुचित प्रयोग पर गंभीर चिंता जताई और मामले की अगली तारीख यानी 7 जुलाई 2025 को संबंधित अधिकारियों से उनकी लापरवाही के विषय में स्पष्टीकरण देने के स्पष्ट निर्देश दिए।

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