Bareilly: मौत से कई घंटे पहले ही बनवा लिया मां का मृत्यु प्रमाण पत्र
बरेली, अमृत विचार। आठवीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक के निर्देश पर कुक के बेटे के खिलाफ पीएसी के शिविरपाल ने थाना कैंट में फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है। मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु के समय में करीब 12 घंटे का अंतर दर्शाया गया है।
आठवीं वाहिनी पीएसी के शिविर पाल रामनाथ राणा ने थाना कैंट में तहरीर देकर आरोप लगाया कि चंद्रा देवी कुक के पद पर तैनात थीं। चंद्रा देवी की तबियत 27 फरवरी को सुबह 7.39 बजे अचानक खराब हो गई। पीएसी के कर्मचारियों की मदद से उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां चंद्रा देवी के बेटे प्रहलाद मेहर को हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी गई। तब प्रहलाद सिंह मेहर ने पीएसी कर्मियों की मदद सें चंद्रा देवी को एसआरएमएस में भर्ती कराया। वहां भी हालत सही नहीं हुई तो लखनऊ के एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया। प्रहलाद सिंह मेहर के कहने पर 28 फरवरी की शाम 5.33 बजे चंद्रा देवी को एसजीपीजीआई से जीवित अवस्था में डिस्चार्ज किया गया। उस वक्त उनके साथ सी दल के दलनायक चिराशु कुमार मौजूद थे।
प्रमाण पत्र में मृत्यु के समय में है अंतर
डिस्चार्ज होने के बाद चंद्रा देवी की मौत हो गई। उनकी मौत के चंद्रा देवी के बेटे प्रहलाद सिंह मेहर ने आठवीं वाहिनी पीएसी में जो मृत्यु प्रमाण पत्र जमा किया है। उसमें काफी अंतर है। 28 फरवरी को शाम 5.33 बजे वह जीवित अवस्था में डिस्चार्ज हुई थीं, जबकि मृत्यु प्रमाण पत्र में उनकी मृत्यु का समय 28 फरवरी को सुबह 5.23 बजे का दर्शाया गया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर बना प्रमाण पत्र
इंस्पेक्टर कैंट राजेश कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु करीब डेढ़ दिन पहले की दर्शाई गई है। उसी आधार पर प्रहलाद सिंह मेहर ने मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया। बताया कि 28 फरवरी को दोपहर में चंद्रा देवी सेवानिवृत्त हुईं थीं। मृत्यु प्रमाण पत्र में उनकी मृत्यु सुबह के वक्त दर्शाई गई है। उन्होंने बताया कि यह गलती पोस्टमार्टम रिपोर्ट के कारण भी हो सकती है और नौकरी लेने के चक्कर में फर्जीवाड़ा भी किया जा सकता है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
