बाराबंकी : करवट ले रहा सरयू नदी का जलस्तर, अफसर बेपरवाह

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Published By Vinay Shukla
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नदी में लगातार आ रहा नेपाल का पानी, बढ़ रहा जलस्तर, कच्चा पुल टूटने से पानी से होकर गुजर रहे ग्रामीण

बाराबंकी, अमृत विचार : सरयू नदी के तीखे तेवर से अंजान अफसर फिलहाल हालात सामान्य बता रहे जबकि नेपाल में हुई बारिश के बाद नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। कुछ घंटों में तराई को डुबो देने वाली नदी लगातार करवट ले रही है जिससे तहसील प्रशासन बेपरवाह नजर आ रहा। हालांकि जिला प्रशासन अपनी तैयारियां पूरी होने का दावा कर रहा, लेकिन नदी का फैल रहा पानी कटान करने लगा है। 

बीते एक दशक से भी अधिक समय से सरयू नदी के तेवर चौंकाते आए हैं। जिला प्रशासन बाढ़ की स्थिति से निपटने के दावे करता रह जाता है और सरयू नदी तराई में विनाशलीला मचा रही होती है। नदी के विकराल रूप से तराई वासी हर साल बेहाल बदहाल होते आए हैं पर तहसील प्रशासन की नींद तभी टूटी जब सैकड़ों गांव पानी से लबालब डूब चुके होते हैं। अलग बात है कि हर साल तराई को बाढ़ से बचाने पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे पर हकीकत यह है कि यह उपाय ऐन बाढ़ के वक्त नाकाफी और नाकाम साबित होते आए हैं। इस बार भी हाल पहले जैसे ही हैं।

जिला प्रशासन बाढ़ से निपटने की तैयारी पूरी होने का दावा कर रहा, उधर सरयू नदी का जलस्तर धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है। बताया जाता है कि हर साल बाढ़ की वजह पड़ोसी देश नेपाल में गिरिजा व शारदा बैराज से छोड़ा गया पानी ही बनता है और वर्तमान में नदी में जिस तरह का बहाव देखा जा रहा, उससे साफ है कि नेपाल ने नदी में पानी छोड़ा है और अभी आगे भी बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जाएगा। मतलब यह कि कुछ घंटों के भीतर लाखों क्यूसेक पानी तराई के गांवों को पानी में डुबो देगा और हाहाकार मचने पर ही बाढ़ चौकी व बाढ़ राहत की कवायद शुरु होगी। एसडीएम रामसनेहीघाट अनुराग सिंह ने बताया कि क्षेत्र में स्थिति सामान्य है। वहीं एसडीएम रामनगर रविवार को अवकाश पर रहे पर कहा कि सारी तैयारियां पूरी हैं। 

यही तो है बाढ़ की मध्यम शुरुआत 
रामनगर विकास खंड की ग्राम पंचायत बड़नपुर में डीपू मोहल्ला स्थित बांध के पास सरयू नदी का पानी तेजी से आ रहा है। ग्रामीणों द्वारा लकड़ी और मिट्टी से बनाया गया कच्चा पुल पूरी तरह जलमग्न है जो सैकड़ों ग्रामीणों के आवागमन का एकमात्र साधन रहा। स्थानीय निवासी मंसाराम, मायाराम, विनोद और अन्य ने बताया कि लोगों को पानी के अंदर से होकर गुजरना पड़ रहा है। महिलाएं और पुरुष मोटरसाइकिल के साथ पानी में चलकर गणेशपुर जा रहे हैं। इस मार्ग पर पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं। सहज राम, विद्या राम, छोटू और रामपाल जैसे लोग नदी में डूब चुके, फिर भी यहां पक्का पुल नहीं बनाया गया। बहराइच जिले के बहरामपुर, पुजारी पुरवा, गोड़ियान, नियामतपुर और शहीद सहित कई ग्राम पंचायतों के लोग इसी मार्ग से गणेशपुर जाते हैं। 

स्वास्थ्य सेवाएं सक्रिय होने का दावा 
सूरतगंज प्रतिनिधि के अनुसार हेतमापुर उपकेंद्र बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है। यहां हर साल सरयू नदी बाढ़ के दिनों में तबाही मचाती है। वहीं संभावित बाढ़ को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी पूर्णतया अलर्ट हो गया। विभाग ने प्रभावित होने वाले गांव सरसंडा, बतनेरा, अकौना, पर्वतपुर और बल्लोपुर का सर्वे किया है। यहां 12625 जनसंख्या प्रभावित होती है। सूरतगंज सीएचसी से तैयार की गई इस रिपोर्ट को अधीक्षक ने मुख्य चिकित्साधिकारी और जिलाधिकारी को भेज दिया है। उधर अधीक्षक डा. राजर्षी त्रिपाठी ने बताया कि बाढ़ की तैयारी पूरी कर ली गई है। पांच गांव में 15 आशा के साथ 11 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। सभी को गर्भवती महिलाओं के ध्यान रखने के निर्देश दिए गए है।

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