लखनऊ : 15 वर्ष पुराने 176 स्कूली वाहनों के रद होंगे पंजीयन

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। जिला विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति की बैठक में जिलाधिकारी विशाख जी. ने एआरटीओ द्वारा चिह्नित 15 वर्ष से ऊपर के 176 स्कूली वाहनों का पंजीयन निरस्त करते हुए हटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही विद्यालयों के अन्य वाहनों को 10 दिन के अंदर नवीनीकरण कराने का अल्टीमेटम दिया है।

शुक्रवार को जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर 15 साल आयु सीमा पूर्ण करने वाले स्कूली वाहन, उनकी फिटनेस, परमिट आदि की बिंदुवार समीक्षा की। एआरटीओ द्वारा बताया गया कि वर्तमान में कुल 176 स्कूली वाहन चिह्नित किए हैं, जो 15 साल आयु सीमा पूर्ण कर चुके हैं। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि चिह्नित वाहनों से संबंधित विद्यालयों को तत्काल नोटिस जारी करें। आयु सीमा पूर्ण कर चुके वाहनों को हटाते हुए सूचना उपलब्ध कराएं। सभी वाहनों का रजिस्ट्रेशन तत्काल निरस्त करें।

बैठक में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) प्रदीप कुमार सिंह, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) राजीव कुमार बंसल, यात्रीकर अधिकारी सूर्यप्रताप देव, जिला विद्यालय निरीक्षक मुकेश कुमार समेत अन्य अधिकारी रहे।

अगली बैठक में दें निजी वाहनों की रिपोर्ट

जिलाधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक व एआरटीओ को यह भी निर्देशित किया कि 10 दिवस में अध्ययनरत समस्त विद्यार्थी जो विद्यालय के प्रदत्त ट्रांसपोर्ट के माध्यम से विद्यालय नहीं आ रहे उनकी जानकारी करें और ट्रांसपोर्ट समिति को पत्र प्रेषित करें। जो विद्यार्थी निजी साधन जैसे ऑटो/टेम्पो/ई रिक्शा से विद्यालय आ रहे हैं, उनके वाहन नम्बर, चालक का नाम और मोबाइल नंबर की जानकारी लेकर अगली बैठक में प्रस्तुत करें।

निगेटिव रिपोर्ट पर कार्रवाई के निर्देश

मिशन भरोसा के प्रतिनिधि ने बताया कि पोर्टल पर 355 स्कूल, 5184 वाहन और 2465 वाहन चालकों को आनबोर्ड किया है। पोर्टल पर आन बोर्ड सभी चालकों का चरित्र सत्यापन कराते हुए उनको आई कार्ड जारी किए हैं और आन बोर्ड वाहनों के फिटनेस और परमिट से संबंधित दस्तावेजों का परीक्षण उपरांत आन बोर्ड किया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि विद्यालयों से समन्वय स्थापित करते हुए अधिक से अधिक डेटा एकत्रित करके पोर्टल पर दर्ज कराएं। जिन वाहन चालकों के चरित्र सत्यापन निरस्त/नेगेटिव रिपोर्ट प्राप्त हुई है, उनके संबंध में कार्रवाई के लिए संबंधित विद्यालय को भेजा जाए।

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