पीलीभीत: अतिक्रमण...कार्रवाई के नाम पर खोखे-फड़ उजाड़े, फिर भूल गए जिम्मेदार
पीलीभीत, अमृत विचार। नवीन मंडी समिति में गंदगी का अंबार दूर नहीं किया जा सका है। आढ़तियों और किसानों को दिक्कत होती है। वहीं, बाहर की तरफ बनी मंडी समिति की दुकानें एक बार फिर चर्चा में है। दुकानों के आगे किए गए जिस अतिक्रमण को प्रशासनिक अमले ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में ध्वस्त कराया था, वहां पर एक बार फिर अतिक्रमण कर लिया गया है।
हाईवे से सटे फुटपाथ पर सड़क पर ही दुकानों का सामान सजा हुआ है। वहीं, अधिकांश दुकानदारों ने टिनशेड और पक्का निर्माण कराकर दुकानों के साइज दोगुना कर लिए हैं। सख्ती और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ गेट पर लगने वाले फड़ और खोखा संचालकों की रोजी-रोटी छीन ली गई है। इसे लेकर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के आरोप मंडी प्रशासन पर लग रहे हैं।
बता दें कि नगर पंचायत नौगवां पकड़िया क्षेत्र में नवीन मंडी समिति पीलीभीत स्थित है। टनकपुर हाईवे से सटी मंडी समिति के बाहर की तरफ तमाम दुकानें हैं। ये दुकानें मंडी समिति की ही है। इन दुकानों के आवंटन को लेकर पूर्व में शिकायतें हुई और मामला चर्चित रहा था। हालांकि जांच के नाम पर जिम्मेदार गोलमाल कर गए थे। इसे लेकर तस्वीर पूर्णतया स्प्ष्ट नहीं हुई थी। इसके अलाव इन दुकानों पर काबिज लोगों ने अवैध अतिक्रमण भी कर लिया। कुछ ने दुकानों को सड़क तक बढ़ा लिया तो अन्य जगह कब्जा ली थी। बीते साल शासन स्तर से सख्ती के बाद चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम समेत कई अधिकारियों ने पुलिस बल की मौजूदगी में सख्त रुख अपनाया, जिसके बाद दुकानों की हकीकत खुलकर सामने आ गई थी।
गहरी और विशाल दुकानें अतिक्रमण कर बनाने की बात सामने आ गई थी, जिसके बाद काफी निर्माण कार्य जेसीबी से ध्वस्त करा दिए गए थे। दुकानों को चिह्नित कर निशान लगाए गए थे, लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद राजनीतिक दबाव की चर्चाएं तेज रही। अब लंबे समय तक जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते अब पुन: हालात बदतर होने लगे हैं। अधिकांश दुकानों का सामान फुटपाथ घेरकर रखा रहता है। इसके अलावा टिनशेड और पक्का निर्माण भी कर लिया गया है।
फर्क सिर्फ इतना है कि अब कोई जिम्मेदार इसकी रोकटोक या फिर कार्रवाई करने के लिए नहीं पहुंचता। पूर्व की शिकायतों पर कोई सख्त एक्शन नहीं लिया गया तो अब शिकायतकर्ता सवाल तो उठा रहे हैं, लेकिन लिखित शिकायत नहीं की गई है। मंडी गेट पर ही कई फड़-खोखा लगाकर गुजर बसर करने वालों पर जरूर मंडी प्रशासन सख्त दिखा है। उन्हें मंडी गेट से हटा दिया गया है। ऐसे में अब बड़े अतिक्रमण कारियों को छूट और छिटपुट को उजाड़ने से जोड़कर देखा जा रहा है। स्थानीय लोगों ने इसे लेकर कार्रवाई की मांग की है।
सफाई व्यवस्था भी बदहाल, हर तरफ गंदगी के ढेर
मंडी समिति परिसर की सफाई व्यवस्था को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। धान और गेहूं खरीद के दौरान किसानों की बड़ी संख्या में आवाजाही के बीच गंदगी फैली होने से दिक्कत आती है। अभी भी जगह जगह कूड़े के ढेर बजबजा रहे हैं। उससे उठती दुर्गंध से लोग परेशान है। नालियां भी चोक होकर गंदगी से पटी हुई है। इसका भी कोई समाधान नहीं हो सका है।
मंदिर आने का गेट बंद कराया, पशुओं की अब भी डेरा
मंडी समिति परिसर में पीछे की तरफ एक मंदिर है। जिसमें आसपास की कॉलोनियों के लोग भी पूजन करने के लिए पहुंचते थे। इसके लिए रामलीला मैदान के सामने की तरफ एक छोटा सा गेट लगा हुआ था। इसी रास्ते से आवाजाही होती रहती। इस रास्ते पर लोहे की सरिया लगा दी गई है, जिससे अब श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में दिक्कत होती है। जिम्मेदारों से कुछ लोगों ने शिकायत की तो तर्क दे दिया गया कि छुट्टा पशुओं के प्रवेश रोकने के लिहाज से कदम उठाया गया है, जबकि मंडी समिति के अन्य बड़े द्वार खुले रहते हैं। इसके अलावा मंडी परिसर में अभी भी सैकड़ों छुट्टा पशु विचरण कर रहे हैं। कई बार मंडी पहुंचने वालों पर हमला भी कर देते हैं। ऐसे में इस रास्ते को बंद कराने को लेकर भी लोगों में नाराजगी व्याप्त है।
