Bareilly: खाना खाकर चारों दोस्त ऐसी नींद सोए कि सुबह उठ नहीं सके

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। रोजगार की तलाश में दिल्ली जाकर सालों से काम करने वाले चार युवकों में से तीन की शुक्रवार की रात आखिरी रात में बदल गई। शुक्रवार की रात चारों लोग खाना खाकर साथ में सोए थे, लेकिन कमरे के दरवाजे और खिड़की बंद होने से कमरे में गैस भरने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि चौथा अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। परिजन और गांव वाले उसकी सलामती की दुआ कर रहे हैं।

सीबीगंज थाना क्षेत्र के बंडिया गांव निवासी मोसीम (22) पुत्र बशीर अहमद, हसीब (27) पुत्र नसीर अमहद, सनइया रानी मेवाकुंवर निवासी इमरान (25) पुत्र बाबू खां और यहीं के अंकित रस्तोगी उर्फ कपिल पुत्र महेश रस्तोगी दक्षिण दिल्ली के आंबेडकर नगर थाना क्षेत्र के दक्षिणपुरी इलाके में किराये के कमरे में रहकर एसी संभालने का काम करते थे। बताया जा रहा है कि चारों लोगों के कमरे में एसी के छह सिलेंडर रखे हुए थे, जबकि एक घरेलू एलपीजी सिलेंडर भी रखा था। दरवाजा अंदर से बंद था। चारों युवकों ने शुक्रवार की रात साथ में खाना खाया और सो गए। रात में किसी समय गैस लीक हो गई। खिड़की-दरवाजे बंद होने के कारण कमरा गैस से भर गया और चारों का दम घुटने लगा, जिसमें तीन की मौत हो गई। फिलहाल शुरुआती जांच के बाद पता चला है कि कमरे में एसी रीफिल करने वाली गैस का सिलेंडर रखा हुआ था, आशंका व्यक्त की जा रही है इस गैस की वजह से इनका दम घुट गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद ही हादसे की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। बंडिया निवासी मोसीम की मौत की खबर जब गांव में पहुंची तो परिवार में कोहराम मच गया। इसके बाद जिसने भी घटना के बारे में सुना तो वह उनके घर पर दौड़ा चला आया। बड़ी संख्या में गांव से भी लोग दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

दो माह पहले बहन की शादी में आया था मोसीम
सीबीगंज थाना क्षेत्र के बंडिया गांव निवासी मोसीम दो माह पहले ही अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए घर आया था। करीब एक सप्ताह रुकने के बाद वह वापस काम पर दिल्ली चला गया था। लंबे समय से वह दिल्ली में रहकर ही एसी का काम सीख रहा था। परिवार में पिता बशीर अहमद रेलवे से रिटायर हैं। परिवार के मां किश्वरी के अलावा दो बहनें हैं। इनकी शादी हो चुकी है। बड़े भाई वसीम ऑटो चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं।

पिता की मौत के परिवार की जिम्मेदारी संभाल रहा हसीब
गैस रिसाव के बाद जिंदगी की जंग लड़ रहे हसीब के पिता और मां की मौत हो चुकी है। परिवार में एक बहन है। इसकी जिम्मेदारी भी हसीब के परिजनों पर है। वह बंडिया गांव में अपनी नानी के घर पर ही रहता था। पहले जरी का काम करता था। पिछले चार साल से वह भी दिल्ली में रहकर एसी का काम कर रहा है। वहीं सनईया रानी मेवाकुंवर निवासी इमरान के 9 भाई और एक बहन है। सबसे बड़े भाई की मौत हो चुकी है, जबकि अंकित रस्तोगी उर्फ कपिल के पिता की मौत हो चुकी है। वह अपने परिवार में छोटा बेटा था।

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