नौकरी व शादी का झांसा देकर युवतियों और किशोरियों को बेचने वाले दो गिरफ्तार

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Published By Vinay Shukla
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अबतक 15 लड़कियों को अन्य प्रांतों में बेच चुका है गिरोह, सरगना की तलाश

मानव तस्करी करने वाले गिरोह का कृष्णानगर पुलिस ने किया खुलासा, कई राज्यों में है नेटवर्क, किशोरी और युवतियों को देह व्यापार में उतार कर करते थे उनका शोषण

लखनऊ, अमृत विचार : नौकरी व शादी का झांसा देकर युवतियों और किशोरियों को बेचने वाले गिरोह का खुलासा कृष्णानगर पुलिस ने गुरुवार को किया। इस गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। सरगना की तलाश में टीम दबिश दे रही है। पुलिस ने दो किशोरियों को सकुशल बरामद किया है। पुलिस के मुताबिक गिरोह के सदस्य युवतियों व किशोरियों को बहला-फुसलाकर साथ ले जाते। उनको 50 हजार से एक लाख रुपये में बेच देते। दोनों आरोपियों ने हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कई लड़कियों को बेचने की बात कुबूल किया है। सभी को देह व्यापार में धकेल देते हैं।

डीसीपी दक्षिणी निपुण अग्रवाल के मुताबिक किशोरियों और युवतियों को बेचने वाला गिरोह 2012 से सक्रिय है। अब तक 15 लड़कियों को बेच चुका है। पुलिस टीम गिरोह के सरगना समेत अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस टीम दबिश दे रही है। पुलिस टीम द्वारा पकड़े गये आरोपियों में मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के प्रजापति मोहल्ला दुर्गा मंदिर के पास रहने वाला डब्लू साहू उर्फ संतोष और राजस्थान के अजमेर ब्यावर सब्जी मंडी राम भरोसे कालोनी का रहने वाला मनीष भंडारी उर्फ मोनू है। संतोष मूल रूप से प्रयागराज के धूमनगंज, जीटीबी रोड के नयापुरा भावापुरा का रहने वाला है। संतोष पर 25 हजार रुपये का इनाम भी है।

पुलिसकर्मी की बेटी की तलाश में खुला गिरोह : कृष्णानगर इलाके में रहने वाले वीआईपी सुरक्षा में तैनात एक पुलिस कर्मी की 16 वर्षीय बेटी 30 जून को लापता हो गई थी। उसने अपने पिता के मोबाइल पर वायस मैसेज भेजकर कहा कि पापा मुझे मत खोजना मैं भगवान के पास जा रही हूं। एडीसीपी दक्षिणी अमित कुमावत ने बताया कि वह घर से भगवान विष्णु और लक्ष्मी मां की प्रतिमा लेकर निकली थी। इसके साथ कहा था कि वह मथुरा प्रेमानंद महाराज से मिलने जा रही है। कृष्णानगर थाने में गुमशुदगी दर्ज हुई। तलाश में सर्विलांस समेत छह टीमें लगाई गई। इस दौरान संतोष का नंबर मिला। इसके बाद उसे पकड़ा गया। संतोष की गिरफ्तारी के बाद मनीष को पकड़ा गया। दोनों की निशानदेही पर दो किशोरी को बरामद कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक कृष्णानगर की किशोरी के साथ रायबरेली की एक अन्य किशोरी मिली। इसी दौरान गिरोह के बारे में जानकारी हुई। दोनों किशोरियों को पुलिस ने परिजन को सुपुर्द कर दिया है।

एक दिन कानपुर, दो दिन प्रयागराज में रखा : एसीपी कृष्णानगर विकास पांडेय के मुताबिक किशोरी जब घर से निकली कानपुर रोड सीएमएस के पास पहुंची। वहां उसे संतोष खड़ा मिला। संतोष ने हाथ में भगवान की प्रतिमा देखकर उसे रोका और बातचीत करने लगा। किशोरी के बताने पर बोला कि वह उसे मथुरा ले चलेगा। इसके बाद उसे अपनी बातों में फंसाकर कानपुर ले गया। वहां एक दिन रखने के बाद प्रयागराज अपने घर ले गया। दो दिन तक वहां रखा। इस बीच पुलिस ने लोकेशन के आधार पर उसे बरामद कर संतोष और मनीष को गिरफ्तार कर लिया।

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