प्रियंका गांधी का आरोप- UP में विद्यालयों के विलय का आदेश शिक्षा के अधिकार के खिलाफ

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में सैकड़ों सरकारी विद्यालयों के विलय का आदेश शिक्षा के अधिकार, दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक, गरीब और वंचित तबकों के खिलाफ है। 

राज्य सरकार का कहना है कि इस कदम का मकसद स्कूलों के ‘विलय’ या उन्हें ‘बंद’ करना नहीं है, बल्कि यह विद्यार्थियों की कम संख्या वाले संस्थानों में संसाधनों के बेहतर उपयोग के उद्देश्य से उन्हें जोड़ने की कवायद है। 

प्रियंका गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार विलय के नाम पर करीब 5,000 सरकारी स्कूलों को बंद करने जा रही है। शिक्षक संगठनों के मुताबिक, सरकार की मंशा लगभग 27,000 स्कूलों को बंद करने की है।’’ उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार देश में शिक्षा का अधिकार कानून लाई थी, जिसके तहत हर गांव में स्कूल की व्यवस्था की गई थी ताकि गरीब परिवार के बच्चों के लिए शिक्षा सुलभ हो सके। 

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘अगर स्कूल घर से दूर हुए तो छोटे बच्चे, खासकर लड़कियां कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल कैसे पहुंचेंगी? जाहिर है कि उनकी पढ़ाई छूट जाएगी। बच्चों से यह अधिकार क्यों छीना जा रहा है?’’ प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार का यह आदेश शिक्षा के अधिकार के खिलाफ तो है ही, दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक, गरीब और वंचित तबकों के भी खिलाफ है।  

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