धर्मांतरण और आतंकी फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की रिमांड खत्म: सहयोगी नसरीन का कराया मेडिकल, जेल में किये गए शिफ्ट 

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ। बलरामपुर के उतरौला में अवैध रूप से धर्मांतरण और आतंकी फंडिंग के आरोप में पांच जुलाई को गिरफ्तार किए गए जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नसरीन की रिमांड बुधवार को समाप्त हो गई। दोनों की रिमांड समाप्त होने के बाद एटीएस की टीम ने मेडिकल कराने के बाद जेल शिफ्ट कर दिया। कोर्ट ने छांगुर और उसकी सहयोगी नसरीन को 10 जुलाई को रिमांड पर भेजा था। 

पिछली तीन जुलाई को लखनऊ में विश्व हिंदू रक्षा परिषद के बैनर तले धर्म परिवर्तन कर चुके 15 लोगों की हिंदू धर्म में वापसी कराई गई थी। कार्यक्रम के दौरान विश्व हिंदू रक्षा परिषद के अध्यक्ष गोपाल राय ने उतरौला में धर्म परिवर्तन का काम कर रहे जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के ऊपर बड़ा आरोप लगाया था। साथ ही उन्होंने मीडिया में उसके धर्मान्तरण और आतंकी फंडिंग को लेकर बड़े दावे किए थे। 

इसके बाद उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने पांच जुलाई को बलरामपुर से छांगुर व नसरीन को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय धर्मान्तरण से जुड़े मामले का खुलासा किया था। साथ ही करीब 100 करोड़ से ऊपर की अवैध संपत्ति और पैसों के लेनदेन की बात भी उजागर की थी। इसके बाद एटीएस ने पूछताछ के दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेने के लिए इन्हें कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया था, जिसके बाद कोर्ट ने 10 जुलाई से 7 दिनों के लिए इन दोनों की रिमांड एटीएस को सौंप दी थी।

रिमांड पर एटीएस को छांगुर और उसकी करीबी नसरीन ने पूछताछ के दौरान अपने पूरे नेटवर्क से जुड़े कई अहम जानकारियां दी है। रिमांड के दौरान एटीएस को इसके पूरे नेटवर्क के तार कर्नाटक महाराष्ट्र सहित देश के कई अन्य राज्यों तथा शहरों में मिले हैं।

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