सिंचाई विभाग में पदोन्नति में देरी पर कर्मचारी परिषद का आक्रोश, मुख्य सचिव से हस्तक्षेप की मांग
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग में जिलेदार से उप राजस्व अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की तिथि निर्धारित न होने से कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
परिषद के महासचिव अतुल मिश्रा ने पत्र में बताया कि सिंचाई विभाग ने फरवरी 2024 में पदोन्नति के लिए आवश्यक सभी सूचनाएं शासन को भेज दी थीं, लेकिन पिछले एक साल पांच महीने से यह प्रक्रिया लंबित है। अतुल मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के बार-बार निर्देशों के बावजूद, जिसमें सभी विभागों को समयबद्ध पदोन्नति सुनिश्चित करने को कहा गया है, सिंचाई विभाग ने इन आदेशों की अनदेखी की है। इस देरी के कारण कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, और कई कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिसका असर उनकी पेंशन पर भी पड़ रहा है।
अतुल मिश्रा ने इसे "अत्यंत खेदजनक" बताते हुए कहा कि परिषद ने कई बार पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराया है, साथ ही बैठक बुलाने का अनुरोध किया, लेकिन विभाग ने इस दिशा में भी कोई कदम नहीं उठाया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्य सचिव से अनुरोध किया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और प्रमुख सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन को निर्देश दें कि पदोन्नति प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए, ताकि कर्मचारियों के हितों की रक्षा हो और किसी टकराव की स्थिति से बचा जा सके।
यह भी पढ़ेः पार्कों में कहीं 20 तो कहीं एक भी कर्मचारी नहीं, नगर निगम के अधिकांश पार्क बदहाल
