Sawan 2025 : रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करने से मिलते हैं ये लाभ, कर्ज मुक्ति के लिए लाल त्रिकोण का करें उपाय

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Published By Vinay Shukla
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Sawan 2025 : सावन मास में भगवान शिव की आराधना और रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। रुद्राष्टाध्यायी यजुर्वेद की शुक्लयजुर्वेद संहिता में आठ अध्याय के माध्यम से भगवान रुद्र का विस्तार से वर्णन किया गया है। ये जानकारी पं. विघ्नेश दुबे "शास्त्री' ने साझा की है। 

रुद्राष्टाध्यायी से सुख-समृद्धि की होती है प्राप्ति : पं. विघ्नेश दुबे "शास्त्री' ने बताया कि रुद्राष्टाध्यायी के आठ अध्याय हैं। इसने जन्मजन्मांतरों के पापों का नाश होता है। धन-धान्य की प्राप्ति होती है।  जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। भगवान शिव की कृपा से सबकुछ ठीक होने लगता है। बताया कि रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसलिए सावन मास में रुद्राष्टाध्यायी का पाठ अवश्य करना चाहिए।

रुद्राष्टाध्यायी के आठ अध्याय
  • शिवसंकल्प सूक्त: प्रथम अध्याय में साधक का मन शुभ विचार वाला होना चाहिए। यह अध्याय गणेशजी को समर्पित है।
  • पुरुष सूक्त: द्वितीय अध्याय भगवान विष्णुजी को समर्पित है, इसमें 16 मन्त्र ‘पुरुष सूक्त’ के हैं।
  • अप्रतिरथ सूक्त: तृतीय अध्याय के देवता इन्द्र हैं, इसमें शत्रुओं और प्रतिद्वन्द्वियों का नाश होता है।
  • मैत्र सूक्त: चौथे अध्याय में भगवान सूर्य नारायण का सुन्दर वर्णन व स्तुति की गई है।
  • शतरुद्रिय: पांचवें अध्याय में भगवान रुद्र की शतरुद्रीय उपासना से दु:खों का सब प्रकार से नाश हो जाता है।
  • महच्छिर: छठे अध्याय में ‘महामृत्युंजय मन्त्र’ का उल्लेख है, जिससे मृत्यु पर विजय पाई जा सकती है।
  • जटा : सातवें अध्याय के कुछ मन्त्र अन्त्येष्टि-संस्कार में प्रयोग किए जाते हैं।
  • चमकाध्याय : आठवें अध्याय में भगवान रुद्र से अपनी मनचाही वस्तुओं की प्रार्थना की गई है।

अंकित दुबे

कर्ज मुक्ति के लिए लाल त्रिकोण का उपाय

पं. विघ्नेश दुबे "शास्त्री' ने बताया कि कर्ज से मुक्ति के लिए रावण संहिता में एक अद्भुत उपाय बताया गया है, जो सावन मास में करने से शीघ्र ही कर्ज मुक्ति होने लगती है। इस उपाय में मंगल ग्रह का यंत्र त्रिकोण आकार का होता है, जिसे तांबे पर बनाया जाता है।

क्या है लाल त्रिकोण का उपाय : एक भोजपत्र पर केसर की स्याही से मोटी लकीर वाला त्रिकोण बनाएं। त्रिकोण बनाने में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि त्रिकोण का एक नुकीला हिस्सा ऊपर की ओर हो और दो कोण नीचे की ओर हों। इसे सीधे पिरामिड की तरह बनाना है। अब इस त्रिकोण के बिल्कुल मध्य में एक छोटा सा वृत्त बनाएं और फिर इस वृत्त के बीचोंबीच एक बिंदी लगाएं।

कैसे करें इस उपाय को?

1. इस यंत्र के सामने बैठकर एक माला "ऊँ भौमाय नमः" मंत्र की जप करें।
2. मंत्र जप पूरा होने के बाद भोजपत्र को धीरे-धीरे मोड़कर एक चांदी के ताबीज में भरकर लाल धागे में बांधकर अपने गले या दाहिनी भुजा पर बांध लें।
3. इसे लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपने पर्स में भी रखा जा सकता है।

क्या हैं इस उपाय के लाभ?
  • कर्ज से मुक्ति होती है।
  • आर्थिक संकट हमेशा के लिए खत्म हो जाता है।
  • धन आवक में वृद्धि होती है।
कुछ महत्वपूर्ण बातें:
  • इस उपाय को सावन मास में करने से विशेष लाभ मिलता है।
  • लाल त्रिकोण के उपाय को करने से पहले मंगल ग्रह की पूजा करना भी लाभदायक हो सकता है।
  • इस उपाय को करने से पहले किसी जानकार ज्योतिषी से परामर्श लेना भी उचित हो सकता है।

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