एसआरएन अस्पताल में सफल सर्जरी : नई तकनीक से रीढ़ की हड्डी में चोट से जूझ रहे मरीज को मिली राहत

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Published By Vinay Shukla
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प्रयागराज, अमृत विचार : स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) में एक बार फिर रीढ़ की जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। 27 वर्षीय इमरान अली, जो डी-12 कशेरुका में वेज कम्प्रेशन फ्रैक्चर से पीड़ित थे, का ऑपरेशन डॉ सचिन यादव (एमएस) की निगरानी में किया गया। मरीज की रीढ़ की हड्डी को स्थिर करने के लिए मिनिमाली इनवाइस सर्जरी पिडिकली श्रेव फिक्सेशन (Minimally Invasive Surgery (MIS) Pedicle Screw Fixation) तकनीक का प्रयोग किया गया, जो आधुनिक रीढ़ शल्य चिकित्सा की एक प्रमुख तकनीक है।

मिस तकनीक के लाभ : मिस तकनीक में पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में बहुत छोटे चीरे लगाए जाते हैं, जिससे मांसपेशियों को कम नुकसान होता है, खून की कमी कम होती है और रोगी तेजी से ठीक होता है। फ्लोरोस्कोपी (X-ray imaging) की सहायता से स्क्रू को अत्यंत सटीकता से कशेरुका में डाला जाता है। इसके बाद रॉड लगाकर रीढ़ की हड्डी को स्थिर किया जाता है।

इस तकनीक का उपयोग : यह तकनीक मुख्यतः रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर, स्कोलियोसिस (कशेरुका की वक्रता), व क्षयकारी रोगों (degenerative conditions) के लिए उपयोग में लाई जाती है। मिस पद्धति के माध्यम से रोगियों को पारंपरिक सर्जरी की तुलना में कम दर्द, कम जोखिम और तेज़ रिकवरी का लाभ मिलता है।

प्रधानाचार्य की प्रतिक्रिया : इस सफलता पर प्रधानाचार्य प्रोफेसर डॉ. वीके. पांडेय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी टीम द्वारा की गई यह जटिल सर्जरी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाओं का प्रमाण है। स्वरूप रानी अस्पताल लगातार उन्नत तकनीकों को अपनाकर मरीजों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान कर रहा है।

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