पीलीभीत: पकड़ी गई हमलावर बाघिन, 11 घंटे तक चला रेस्क्यू, दर्जन भर गांवों में थी दहशत
पीलीभीत, अमृत विचार । न्यूरिया क्षेत्र में आतंक का पर्याय बनी बाघिन को गुरूवार शाम खकरा नदी के किनारे ट्रेंकुलाइज कर पकड़ लिया गया। गुरुवार सुबह गांव डंडिया में हमलावर बाघिन की मौजूदगी मिलने के बाद टीमें पहुंची थी। मुख्य वन संरक्षक बरेली वृत की देखरेख में टीमों ने संबंधित क्षेत्र में घेराबंदी की थी। 11 घंटे से अधिक समय तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ट्रेंकुलाइज एक्सपर्टों ने हमलावर बाघिन पर डार्ट चलाकर बेहोश कर दिया। इसके बाद बाघिन को पकड़कर पिंजड़े में कैद कर दिया गया।
जनपद के न्यूरिया क्षेत्र में बीते 09 जून से बाघिन की सक्रियता देखी जा रही थी। बीते 09 जून से 17 जुलाई के बीच बाघिन के हमलों में तीन इंसानों की मौत हो चुकी है, जबकि एक महिला समेत दो लोग घायल हो गए थे। इधर हमलावर बाघिन की आबादी क्षेत्र में बढ़ती सक्रियता को देखते हुए वन महकमे की ओर हमलावर बाघिन को पकड़ने के लिए न्यूरिया क्षेत्र के 20 प्रभावित गांवों में अभियान चलाया गया था। शासन के निर्देश पर मुख्य वन संरक्षक बरेली वृत्त पीपी सिंह एवं मुरादाबाद वृत्त के वन संरक्षक, पीलीभीत टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर रमेश चंद्रा जनपद में डेरा डाले हुए थे।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह एवं वन एवं वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ भरत कुमार डीके के नेतृत्व में दोनों प्रभागों की 10 संयुक्त टीमें 20 प्रभावित गांवों में बाघिन को खंगालने में जुटी हुई थी। यह दीगर बात थी कि 17 जुलाई की शाम से बाघिन की कोई लोकेशन नहीं मिल सकी थी। गुरूवार सुबह करीब 06 बजे हमलावर बाघिन न्यूरिया क्षेत्र के गांव डंडिया के नजदीक एक बाग में देखा गया। जिसकी सूचना महकमे को दी गई। सूचना मिलते ही वन महकमा अलर्ट हो गया। डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह एवं डीएफओ भरत कुमार डीके के नेतृत्व में टीमे मौके पर पहुंच गई। टीमों ने खकरा नदी के किनारे एक किमी क्षेत्र की घेराबंदी करते हुए जाल लगा दिया। ड्रोन की मदद से सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। वहीं वन अफसरों के नेतृत्व में वनकर्मियों की टीमों ने संबंधित क्षेत्र में कॉबिंग शुरू कर दी। इस बीच बाघिन खकरा नदी किनारे बांधे गए ट्रैप एनिमल के नजदीक पहुंची, मगर बिना शिकार किए गए बाघिन वहां से चली गई।
सुबह सात बजे से शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन, टीमों ने शुरू की कॉबिंग
बाघिन की पुष्टि होने के बाद सुबह करीब 07 बजे मुख्य वन संरक्षक बरेली वृत्त पीपी सिंह के नेतृत्व में संबंधित क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट डॉ. दक्ष गंगवार एवं कानपुर के ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट डॉ. नासिर भी मौके पर पहुंच गए। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पुलिस की भी मदद ली गई। संबंधित क्षेत्र में जाने वाली सड़क पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया, ताकि कोई ग्रामीण या बाहरी व्यक्ति रेस्क्यू ऑपरेशन में व्यवधान न पैदा कर सके। करीब एक किमी की परिधि में जाल लगाकर घेराबंदी करने के बाद वन अफसरों के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों ने संबंधित क्षेत्र में कॉबिग शुरू कर दी। वहीं ड्रोन के माध्यम से भी बाघिन की तलाश शुरू की गई। संबंधित क्षेत्र में गन्ने की फसल अधिक होने और जंगल झाड़ियां होने के चलते टीमों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
बताते है कि शाम तीन बजे तक टीमें लगातार बाघिन का तलाश में जुटी रहीं, ड्रोन के माध्यम से भी बाघिन की लोकेशन तलाशने के लगातार प्रयास चलते रहे, मगर टीम को बाघिन की महज एक बार ही लोकेशन मिल सकी। इधर शाम करीब 06 बजे के आसपास बाघिन संबंधित क्षेत्र में देखी गई। बाघिन की लोकेशन मिलते ही रेस्क्यू टीम सक्रिय हो गई। ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट डॉ. दक्ष गंगवार और डॉ. नासिर रेस्क्यू व्हीकल पर सवार होकर मौके पर पहुंच गए। करीब 6.35 बजे दोनों ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट ने ट्रेंकुलाइज गन से डार्ट और टॉपअप चलाकर हमलावर बाघिन को बेहोश कर दिया। बाघिन के ट्रेंकुलाइज होते ही रेस्क्यू टीम ने बाघिन को पकड़कर पिंजड़े में कैद कर लिया।
न्यूरिया क्षेत्र के दर्जन भर गांवों में थी दहशत
हमलावर बाघिन की न्यूरिया क्षेत्र के गांव मेवातपुर, फुलहर, टाह, बिथरा, मंडरिया, महेशपुर, सहजना समेत एक दर्जन गांवों में दहशत बनी हुई थी। बीते नौ जून को बाघिन ने गाँव मेवातपुर में किसान मुकेश कुमार पर हमलाकर मार डाला था। करीब एक माह बीतने के बाद बाघिन फिर आक्रामक हो उठी और 14 जुलाई को गांव फुलहर निवासी किसान दयाराम को निवाला बना डाला। तीन दिन बाद ही 17 जुलाई को बाघिन ने दो गांवों पर धावा बोला। 17 जुलाई की सुबह करीब साढ़े छह बजे बाघिन ने गांव सहजना निवासी मीना देवी पर हमला कर दिया। शोर-शराबे पर महिला की जान तो बच गई, मगर महिला बुरी तरह हो गई थी। इसी दिन बाघिन ने सुबह करीब नौ बजे मंडरिया निवासी 17 वर्षीय नीलेश पर हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया। करीब 15-20 मिनट बाद ही बाघिन ने मंडरिया गांव में ही कृष्णा देवी पर हमला कर दिया था। हमले में महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी। एक ही दिन में दो गांवों तीन अलग-अलग बाघिन हमले की घटनाओं के बाद ग्रामीण भी खासे आक्रोशित हो उठे। विधायक समेत प्रशासनिक अफसरों द्वारा बाघिन को तत्काल पकड़ने के आश्वासन पर मामला शांत हो सका था।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि बाघिन का मूवमेंट सुबह डंडिया गांव के आसपास देखा गया था। संबंधित क्षेत्र में घेराबंदी कर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। शाम को बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू कर लिया गया है। रेस्क्यू बाघिन को पीटीआर मुख्यालय लाया जा रहा है। जहां उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। शासन को भी रिपोर्ट दे दी गई है।
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