बाराबंकी में उमस से उकताए चेहरों पर बारिश लाई मुस्कान, किसान भी हुए गदगद
बाराबंकी में झमाझम बारिश से मिली राहत, विकास भवन बना तालाब, अधिकारी नदारद
बाराबंकी, अमृत विचार : कई दिनों से बदहाल कर देने वाली भीषण उमस से ऊबे आमजन की सुनवाई आखिरकार बादलों ने कर ली और शुक्रवार दोपहर तक सताने के बाद तेज बारिश व हवाओं ने मुरझाए चेहरों पर रंगत ला दी। जिले भर में हुई बारिश से तापमान तो लुढ़का ही साथ ही किसानों की मुराद भी पूरी हो गई। शाम को शहर में रौनक हुई तो बच्चों ने बारिश का मजा लिया।
एक सप्ताह से भी अधिक समय से बारिश के न होने से माहौल उबाऊ हो चला था। उमस ने वातावरण पर इस तरह कब्जा कर लिया कि सुकून की नींद व चैन छिन गया। पुरवा हवा व बेइंतहा नमी की वजह से लोग न सिर्फ दिन बल्कि रात में पसीने से नहाते रहे। उस पर बिजली की बारंबार आवाजाही ने जीना दूभर कर दिया। शहर ही नहीं ग्रामीण इलाकों में भी गर्मी और बिजली के संकट ने लोगों खासा परेशान किया। लोग इस मौसम से बुरी तरह ऊबे हुए थे और सबकी नजर आसमान पर लगी थी। शुक्रवार की सुबह से लेकर दोपहर तक बड़े ही नहीं बच्चे भी बेहाल थे तभी आसमान पर बादलों का कब्जा हुआ और कुछ ही देर में बारिश होने लगी। बारिश संग चली हवाओं ने परेशान लोगों को बड़ी राहत दी।
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शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक बरसे बादलों ने किसानों को भी खुश कर दिया। रामनगर तहसील क्षेत्र में भी दोपहर बाद अचानक शुरू हुई आम लोगों के साथ किसानों के चेहरों पर रौनक छा गयी। घंटों हुई मूसलाधार बारिश से सड़क मार्ग पानी में डूब गए। वहीं रामसनेहीघाट में भी मूसलाधार बारिश हुई। लगभग 45 मिनट तक जारी रही इस बारिश ने लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत दिलाई। तेज बारिश ने देवा विकासखंड कार्यालय को भी जलाशय बना दिया। करीब एक घंटे की बरसात से पूरा परिसर पानी से जलमग्न हो गया। ग्राम पंचायतों के विकास की योजनाओं का मंथन करने वाला यह कार्यालय जब खुद ‘विकास' को तरस रहा हो, तो गांवों की हालत का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं। मगर हैरानी की बात यह रही कि इस सब के बीच कोई अधिकारी न बाहर निकला, न स्थिति पर कोई बयान आया।
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