'पेपर आसान, लेकिन राजव्यवस्था के सवालों ने छकाया' RO-ARO परीक्षा जिले के 129 केंद्रों पर हुई सम्पन्न 

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार: साल भर से अधिक इंतजार के बाद रविवार को राज्य लोकसेवा आयोग ने समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ-एआरओ) की प्रांरभिक परीक्षा कराई। लखनऊ के 129 केंद्रों पर 61,512 अभ्यर्थियों को शामिल होना था, लेकिन 48.8 प्रतिशत अभ्यर्थी ही उपस्थित रहे। 51.2 प्रतिशत ने परीक्षा छोड़ दी। जिला स्तर पर बने कंट्रोल रूम से सभी केंद्रों की लाइव निगरानी की गई। परीक्षा सुबह 9:30 से दोपहर 12:30 बजे तक हुई। सुबह 7 से 7:30 बजे तक ज्यादातर अभ्यर्थी केंद्रों पर पहुंचे गए थे।

परीक्षा कक्ष के बाहर बायोमैट्रिक जांच कर प्रवेश पत्र, पहचान पत्र का मिलाकर कर सुबह 8 से 8:45 बजे तक अभ्यर्थियों को केंद्र में प्रवेश दिया गया। मोबाइल, स्मार्ट वाच आदि केंद्र के बाहर रखवा दिए गए।129 सेक्टर मजिस्ट्रेट व 129 स्टैटिक मजिस्ट्रेट सुबह 8 बजे से परीक्षा संपन्न होने तक केंद्रों की निगरानी करते रहे।

देवेश मिश्रा, अभ्यर्थी (1)

प्रश्नपत्र कठिन था लेकिन कठिन प्रश्नों के होने से मेरिट भी वैसे ही जाती है। सबसे अधिक कठिन सामान्य अध्ययन के प्रश्न थे जिनको हल करने में काफी समय लगा।
अर्चना यादव, अभ्यर्थी

प्रश्नपत्र का हमलोग काफी दिनों से इंतजार कर रहे थे। पिछली बार पेपर काफी अच्छा हुआ था लेकिन परीक्षा रद्द हो गई। इस बार भी ठीक ही है, उम्मीद है कामयाबी मिलेगी।
शीतला प्रसाद ओझा, अभ्यर्थी

देवेश मिश्रा, अभ्यर्थी

तर्कशक्ति, सामान्य हिंदी के प्रश्न तो ठीक थे। लेकिन सामान्य अध्ययन के प्रश्न काफी कठिन थे। सबसे अधिक प्रश्न इस बार राजव्यवस्था से पूछा गया जो कि संसद, विधानसभा, कार्यपालिका आदि से संबंधित थे।
दीपिका तिवारी, अभ्यर्थी

न कठिन ना ही आसान प्रश्नपत्र था। कुल 150 प्रश्न थे। हालांकि राजव्यवस्था के प्रश्नों की बहुतायत थी, लेकिन राजव्यवस्था के प्रश्न स्तरीय थे जिसमें सही उत्तर पहचानने में समय लगा।
देवेश मिश्रा, अभ्यर्थी

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