देशभर के कर्मचारी और शिक्षक सरकार से नाराज, 23 अगस्त को हो सकती है आंदोलन की घोषणा
लखनऊ, अमृत विचार । देशभर के कर्मचारी और शिक्षक मौजूदा सरकार की नीतियों से नाराज हैं, बताया जा रहा है कि कर्मचारियों की अपील के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। आक्रोशित कर्मचारी जल्द ही बड़े आंदोलन की घोषणा कर सकते हैं।
दरअसल, इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) ने 23 अगस्त को नई दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है, जिसमें आंदोलन की रूपरेखा घोषित की जाएगी।
इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा और महासचिव प्रेमचंद ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कई बार ज्ञापन सौंपकर कर्मचारी समस्याओं पर सार्थक चर्चा का आग्रह किया गया, लेकिन किसी प्रदेश की सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया । इससे कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।
अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने कर्मचारियों की मांगों पर सार्थक कदम नहीं उठाए, तो 23 अगस्त को देशव्यापी आंदोलन की घोषणा निश्चित है। कर्मचारियों की नाराजगी का असर आने वाले चुनावों पर भी पड़ेगा, जिसका सत्ताधारी दल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है, इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार की होगी।
उपमहासचिव अतुल मिश्रा के मुताबिक उत्तर प्रदेश में स्थिति और भी गंभीर है। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से बार-बार आग्रह के बावजूद कर्मचारियों की समस्याओं पर कोई सार्थक बैठक नहीं हुई। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव के साथ एक बार बैठक हुई भी तो कार्यवृत्त ही जारी नहीं किया गया।
इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि प्रमुख सचिव (कार्मिक) द्वारा कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद एवं अन्य विभागीय संगठनों के अध्यक्ष/ महामंत्री के सचिवालय प्रवेश पत्र तक नहीं बनाए जा रहे, जिससे सरकार और कर्मचारियों के बीच संवाद पूरी तरह ठप है।
इप्सेफ की मांग
1-पुरानी पेंशन बहाली।
2-आठवीं वेतन आयोग का गठन करके वेतन भत्तों पर निर्णय किया जाना।
3-आउटसोर्सिंग ठेका कर्मचारी को विनियमित करण की नीति बनाने।
4- सरकारी संस्थाओं का निजीकरण न किया जाए विभागों में रिक्त पदों पर तत्काल भर्तियां की जाए।
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