लखीमपुर खीरी : धरती का फूल पकड़ने गए रेंजर को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, हाथापाई

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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वन विभाग की छापा मारी पर ग्रामीणों में फूटा गुस्सा, प्रधान की दखल से छूटे

सिंगाही, अमृत विचार: दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगलों से खोदकर लाए गए धरती का फूल की बिक्री होने की सूचना पर गांव पचपेड़ा रिछैया पचपेड़ा पहुंची बेलरायां नार्थ वन रेंजर और उनकी टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने रेंजर और उनकी टीम को बंधक बना लिया। इस दौरान हाथापाई भी हुई। मौके पर पहुंचे ग्राम प्रधान ने किसी तरह से ग्रामीणों को समझा बुझाकर मामला शांत किया। वन विभाग ने 12 से अधिक लोगों के खिलाफ वन्य जीव जंतु अधिनियम के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगलों से अवैध तरीके से धंधे से जुड़े लोग धरती का फूल खोदकर उसे पांच सौ रुपये से लेकर आठ सौ रुपये प्रति किलो की दर से बिक्री कर रहे हैं। यह धंधा इन दिनों क्षेत्र में जोरों से हो रहा है। बफरजोन की बेलरायां वन क्षेत्रीय वनाधिकारी भूपेंद्र सिंह मुखबिर की सूचना पर वन कर्मियों व एसटीपीएफ की संयुक्त टीम के साथ सिंगाही थाना क्षेत्र के गांव पचपेड़ा रिछैया पहुंचे। टीम ने पसियाना पुरवा मोहल्ले के एक घर को चारों तरफ से घेर लिया और घर की जामा तलाशी लेने लगे, जिसका घर के लोगों ने विरोध किया तो वन कर्मियों व ग्रामीणों के बीच हाथापाई होने लगी। हल्ला मचने पर गांव के अन्य तमाम लोग मौके पर पहुंच गए। अपने व अपनी टीम को घिरा देख रेंजर ने गांव के प्रधान को सूचना दी। ग्राम प्रधान अहमद नूर मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को काफी समझाया। तब ग्रामीण शांत हुए। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की टीम उन्हें नहीं पकड़ती जो लोग जंगल वाला काम करते हैं, क्योंकि उन लोगों से उनकी मिलीभगत है। निर्दोष लोगों को परेशान करती है। मुंह खोलने पर जेल भेजने की धमकी देती है।

रेंजर भूपेंद्र सिंह ने बताया कि धरती का फूल बिकने की सूचना पर छापा मारा गया था, लेकिन ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा होने से ऑपरेशन सफल नहीं हो सका। हाथापाई जैसी कोई बात नहीं हुई थी। 12 से अधिक लोगों के खिलाफ वन्य जीव जंतु अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।

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