'भारत पर टैरिफ, पाकिस्तान के साथ व्यापार', ट्रंप का 6 भारतीय कंपनियों पर अमेरिकी एक्शन

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Published By Anjali Singh
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों की ‘‘महत्वपूर्ण’’ बिक्री और खरीद के लिए छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को कहा, ‘‘ईरानी सरकार अपनी अस्थिरताकारी गतिविधियों के लिए धन जुटाने हेतु पश्चिम एशिया में संघर्ष को बढ़ावा दे रही है। आज, अमेरिका ऐसे राजस्व के प्रवाह को रोकने के लिए कदम उठा रहा है, जिसका इस्तेमाल यह सरकार विदेशों में आतंकवाद को समर्थन देने और अपने ही लोगों को दमन करने में करती है।’’ 

उसने ईरानी पेट्रोलियम, पेट्रोलियम उत्पादों या पेट्रोकेमिकल व्यापार में शामिल 20 वैश्विक संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। विदेश विभाग ने कहा कि भारत, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्किये और इंडोनेशिया की कई कंपनियों को ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों की महत्वपूर्ण बिक्री और खरीद के लिए प्रतिबंधित किया जा रहा है। 

विभाग ने अपने बयान में कहा, ‘‘जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही कह चुके हैं, कोई भी देश या व्यक्ति जो ईरानी तेल या पेट्रोकेमिकल उत्पाद खरीदता है, वह अमेरिकी प्रतिबंधों के खतरे का सामना करेगा और अमेरिका के साथ व्यापार नहीं कर पाएगा।’’ 

ईरान के पेट्रोकेमिकल व्यापार को निशाना बनाते हुए अमेरिका ने कई देशों की 13 कंपनियों को प्रतिबंधित किया है। भारत की जिन कंपनियों को प्रतिबंधित किया गया है, उनमें कंचन पॉलिमर्स, अलकेमिकल सॉल्यूशन्स, रमनीकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी, जूपिटर डाई चेम प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इन तीनों कंपनियों ने जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पाद खरीदे। भारत की अन्य दो प्रतिबंधित कंपनियों में ग्लोबल इंडस्ट्रीज केमिकल्स लिमिटेड और पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। 

इसके अलावा, अमेरिकी वित्त विभाग ने 50 से ज्यादा व्यक्तियों और संस्थाओं को नामित किया है और 50 से ज्यादा जहाजों की पहचान की है जो ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनेई के शीर्ष राजनीतिक सलाहकार अली शमखानी के बेटे मोहम्मद हुसैन शमखानी द्वारा नियंत्रित विशाल शिपिंग साम्राज्य का हिस्सा हैं। वित्त विभाग ने इसे ‘‘2018 के बाद से ईरान से जुड़ी सबसे बड़ी कार्रवाई’’ बताया है। वित्त विभाग के बयान में संयुक्त अरब अमीरात स्थित भारतीय नागरिक पंकज नागजीभाई पटेल का भी नाम प्रतिबंध सूची में है, जो हुसैन के नेटवर्क में कई शिपिंग कंपनियों में कार्यकारी के रूप में काम कर चुके हैं। 

पाकिस्तान के साथ एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर की घोषणा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है और कहा है कि अमेरिका “विशाल तेल भंडार” विकसित करने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करेगा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि ट्रंप पाकिस्तान में किस विशाल तेल भंडार की बात कर रहे थे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर यह भी सवाल उठाया कि क्या पाकिस्तान "कभी" भारत को तेल बेच सकता है। 

ट्रंप ने बुधवार को ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में कहा, "हमने अभी-अभी पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत अमेरिका पाकिस्तान के विशाल तेल भंडार को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेगा।" उन्होंने कहा, "हमने उस तेल कंपनी को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं जो इस साझेदारी का नेतृत्व करेगी। कौन जानता है, शायद वे किसी दिन भारत को तेल बेचेंगे!" अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर पाकिस्तान की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। 

पाकिस्तान फिलहाल अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पश्चिम एशिया से तेल आयात करता है, लेकिन ऐसी खबरें हैं कि तकनीकी विशेषज्ञता और धन की कमी के कारण विशाल अपतटीय भंडारों का बड़े पैमाने पर दोहन नहीं हो पाया है। देश इन भंडारों का दोहन करने के लिए निवेश को आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है। इससे कुछ घंटे पहले ट्रंप ने भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने तथा रूसी सैन्य उपकरणों व ईंधन की खरीद को लेकर भारत पर अतिरिक्त जुर्माना लगाने की घोषणा की थी। 

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में ट्रंप ने भारत की व्यापार नीतियों को "अत्यंत कठोर व फिजूल" बताया। ट्रंप ने कहा, "सब कुछ ठीक नहीं है! इसलिए भारत को एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क और उपरोक्त के लिए जुर्माना देना होगा।" इससे पहले दिन में उन्होंने कई बार भारत द्वारा लगाए गए शुल्क के बारे में बात की और ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) समूह में भारत की सदस्यता का उल्लेख किया। उन्होंने ब्रिक्स को "अमेरिका विरोधी" बताया। 

भारत के साथ बातचीत को लेकर एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भारत से बात कर रहा है। उन्होंने कहा, "...देखते हैं, हम अभी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं।" उन्होंने भारत के शुल्क को "दुनिया के सबसे ज़्यादा शुल्क में से एक" बताया। 

वहीं भारत ने कहा कि उसने द्विपक्षीय व्यापार को लेकर ट्रंप के बयान पर "ध्यान दिया" है और सरकार इसके प्रभावों का अध्ययन कर रही है। एक बयान में कहा गया, "भारत और अमेरिका पिछले कुछ महीनों से एक निष्पक्ष, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।" ट्रंप ने शुल्क लागू करने की तारीख एक अगस्त तय की है।

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